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मोदी कैबिनेट ने दी कर्मयोगी योजना को मंजूरी, जानिए केंद्र सरकार के खास मिशन के बारे में

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकारी बाबुओं को और अधिक पेशेवर (प्रोफेशनल) और कर्मठ बनाने के लिए मिशन कर्मयोगी (Mission Karmayogi) को मंजूरी मिली। इस मिशन के तहत सिविल सेवकों को बेहतर ट्रेनिंग देकर उनकी क्षमताओं को बढ़ाने की मंशा है। कैबिनेट के फैसलों को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar), केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr Jitendra Singh) और डीओपीटी के सचिव सी चंद्रमौली (C Chandramouli) की मौजूदगी में बुधवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में इस बारे में जानकारी दी गई।

बताया गया कि सिविल सेवकों को अब कल्पनाशील और नवाचारी (इनोवेटिव), पेशेवर और प्रगतिशील, एनर्जेटिक(ऊर्जावान) और चमत्कारी, पारदर्शी एवं तकनीक युक्त, रचनात्मक और सृजनात्मक बनाने की तैयारी है। अभी तक सिविल सेवकों के लिए नियमित ट्रेनिंग का अभाव है। जिससे पूरे सेवाकाल में ट्रेनिंग का माहौल उपलब्ध नहीं हो पाने की वजह से क्षमताओं पर असर पड़ता है। ऐसे में नेशनल प्रोग्राम फार सिविल सर्विसेज कैपेसिटी बिल्डिंग (एनपीसीएससीबी) से सरकारी बाबुओं की क्षमताओं में वृद्धि करने की तैयारी है।

योजना के तहत व्यक्तिगत और संस्थागत क्षमता वृद्धि (कैपेसिटी डेवलपमेंट) पर ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एचआर काउंसिल के अलावा एक कमीशन भी गठित होगा। सुपरवाइजरी बोर्ड भी होगा। इसके साथ सिविल सेवकों की ट्रेनिंग का स्टैंडर्ड बढ़ाया जाएगा।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मिशन कर्मयोगी में मल्टी लेयर स्ट्रक्चर होगा। प्रधानमंत्री हेड करेंगे तो मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और एक्सपर्ट भी कमेटी में शामिल होकर योजना की निगरानी करेंगे। कैबिनेट सचिवालय कोआर्डिनेशन करेगा। प्रदेश भी योजना का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि अब सब्जेक्टिव नहीं ऑब्जेक्टिव अप्रेजल होगा।

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