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West Bengal Violence: कोर्ट में इस तरह घिरी ममता बनर्जी की सरकार, जानिए हाईकोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा

Mamta Banerjee

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार को तगड़ा झटका देते हुए सभी मामलों की जांच खुद की निगरानी में सीबीआई से कराने का फैसला किया है। इसके अलावा कोर्ट ने अन्य मामलों की जांच के लिए एक SIT भी बनाई है।
हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस राजेश बिंदल की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने बंगाल हिंसा पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि इस रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हत्या और रेप हुए हैं। ऐसे में कोर्ट अपनी देखरेख में सीबीआई जांच कराएगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि दूसरे सभी मामलों की जांच के लिए SIT बनाई जाए। इसमें तीन सदस्य होंगे। SIT की जांच पर भी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस नजर रखेंगे। ये विशेष जांच दल अपने काम के लिए किसी भी जांच एजेंसी की मदद ले सकेगा।

हाईकोर्ट ने कहा कि अभिजीत सरकार और जिनकी हत्या हुई है, उनके बारे में सारे दस्तावेज राज्य सरकार सील्ड कवर में सीबीआई को सौंपेगी। बाकी दस्तावेज SIT को देने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है। इसके अलावा हिंसा के पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का आदेश भी हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी की सरकार को दिया है। सीबीआई और SIT से कोर्ट ने 6 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। इसके अलावा राज्य सरकार को निर्देश है कि वह कोर्ट में हलफनामा देकर बताए कि सीबीआई और SIT से सहयोग कर रही है।

कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग के लिए भी कहा कि उसे ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे इस तरह की हिंसा की घटनाएं रोकी जा सकें। राज्य सरकार के बारे में कोर्ट ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई सबूत नहीं कि सरकार ने कदम नहीं उठाया या कोताही की। चीफ जस्टिस ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एक वकील ने बताया है कि अभिजीत सरकार का शव अब भी अस्पताल के मॉर्ग में है। इसे परिवार के सुपुर्द नहीं किया गया है।

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