नई दिल्ली। बेहतर रोजगार का लालच देकर भारतीय नागरिकों को रूस ले जाने और फिर उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भेजने के आरोप में सीबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, इनमें एक ट्रांसलेटर भी शामिल है। केंद्रीय जांच ब्यूरो की ओर से जारी बयान के अनुसार केरल के तिरुवनंतपुरम के रहने वाले अरुण और येसुदास जूनियर उर्फ प्रियन को कल गिरफ्तार किया गया, जबकि दो अन्य आरोपी रूस के रक्षा मंत्रालय में संविदा कर्मी नाइजल जोबी बेन्सम और मुंबई निवासी एंथोनी माइकल एलंगोवन को बीती 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। इस मामले में अभी कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है।
Delhi: Four men, including a translator, were arrested on the charges of trafficking Indian nationals to Russia under the guise of better employment and then sending them to the Russia-Ukraine war zone, a CBI official said. pic.twitter.com/XaXROuEprE
— IANS (@ians_india) May 8, 2024
सीबीआई के अनुसार अरुण और येसुदास जूनियर भारतीय नागरिकों को रूस जाने के लिए भर्ती करने की प्रक्रिया का मुख्य हिस्सा थे। वहीं एंथोनी माइकल दुबई में अपने एक साथी फैसल बाबा और रूस में मौजूद कई लोगों को वीजा प्रक्रिया करवाने और रूस जाने के लिए हवाई टिकट बुक करने में मदद कर रहा था। केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में पूरे भारत में फैली 17 वीजा कंपनियों, उनके मालिकों और एजेंट को नामजद किया गया है।
सीबीआई ने उन सभी पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और मानव तस्करी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इन एजेंटों का नेटवर्क भारत के कई राज्यों और विदेशों तक भी फैला हुआ है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ये लोग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करके रूस में मोटी सैलरी वाली अच्छी जॉब का सपना दिखाकर भारतीय युवकों को झूठ बोलकर अपने जाल में फंसाते थे। इसके बाद उन्हें रूस भेजकर रूस की तरफ से यूक्रेन युद्ध में जबरदस्ती भेज दिया जाता था। इस तरह से गिरोह में शामिल मानव तस्करों ने कई लोगों की जान को संकट में डाल दिया।