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CCS Meeting: पश्चिम एशिया संकट पर पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई CCS की बैठक, भारत पर युद्ध के संभावित असर पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक 3 अक्टूबर को हुई। इस बैठक में पश्चिम एशिया के मौजूदा संकट और उसके भारत पर संभावित असर को लेकर गहन चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट की बैठक से पहले हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में सीनियर मंत्रियों के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

बैठक में प्रमुख चिंता का विषय पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष के कारण भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ते दाम थे। भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरतों का बड़ा हिस्सा पश्चिम एशियाई देशों से आयात करता है। इसलिए, वहां के मौजूदा हालात से भारत की अर्थव्यवस्था और व्यापार पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। भारत की पहले से ही इस टकराव पर नजर है और उसने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यह संघर्ष व्यापक रूप न ले। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्पष्ट किया है कि वह पश्चिम एशिया के हालात पर बारीकी से नजर रख रहा है।

मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव

पश्चिम एशिया में संघर्ष की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच पहले से ही लड़ाई जारी है और अब लेबनान के हिज्बुल्लाह संगठन के साथ भी इजरायल का तनाव बढ़ गया है। इजरायली सेना हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर लगातार हवाई हमले कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने हिज्बुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह को भी एक हमले में मार गिराया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।

नसरल्लाह के बाद, जिस सफीद्दीन को हिज्बुल्लाह का वारिस बताया जा रहा था, उसे भी इजरायली हमले में मारे जाने की खबरें आ रही हैं। यह घटनाक्रम पूरे पश्चिम एशिया के लिए चिंताजनक हैं और इससे क्षेत्रीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है।

ईरान का इजरायल पर हमला

इस पूरे संघर्ष के बीच ईरान ने भी सीधा हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। हाल ही में ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक मिसाइलें दागीं, हालांकि इस हमले में कोई इजरायली नागरिक हताहत नहीं हुआ। इसके बावजूद, ईरान के इस हमले ने इजरायल के गुस्से को और भड़का दिया है। अब यह देखना बाकी है कि इजरायल ईरान के इस हमले का जवाब किस तरह से देता है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, नसरल्लाह के जनाजे के दौरान भी इजरायल की एयरफोर्स द्वारा संभावित रॉकेट हमले की आशंका जताई जा रही है, जो इस संघर्ष को और अधिक भड़का सकता है। भारत और दुनिया के अन्य देश पश्चिम एशिया के इस गंभीर संकट पर लगातार नजर रख रहे हैं, क्योंकि इसका असर न केवल क्षेत्रीय शांति पर बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।

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