नई दिल्ली। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में साल 2016 में मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी की संवैधानिक वैधता पर उठे सवालों को लेकर सुनवाई हुई। नोटबंदी की संवैधानिकता की जांच संबंधी याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई से एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। बता दें कि साल 2016 में केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था, जिसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
नोटबंदी के मामले पर प्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घोषित करने के लिए कि क्या यह एकेडेमिक है या निष्फल है, उसे मामले की जांच करने की जरूरत है क्योंकि दोनों पक्षों में इस बात को लेकर एक राय नहीं है। कोर्ट ने कहा, ”मुद्दे का जवाब देने के लिए, हमें सुनवाई करनी होगी।”कोर्ट की बेंच ने कहा, “हम हमेशा जानते हैं कि लक्ष्मण रेखा कहां है, लेकिन जिस तरह से इसे किया गया था, उसकी जांच की जानी चाहिए। हमें यह तय करने के लिए वकील को सुनना होगा।” उधर, एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शैक्षणिक मुद्दों पर अदालत का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।