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गहलोत से मिलने जा रहे चन्नी, सियासी गलियारों में तेज हुई चर्चा, आखिर इस मुलाकात को क्या नाम दें

ashok gahlot and charnjit singh

यह कहना गलत नहीं होगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने जीवनकाल के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कल तक जिस पार्टी का डंका पूरे देश में बजता था। आज वही पार्टी महज कुछ राज्यों तक सिमट कर रह गई है। कल तक जिस पार्टी में शामिल होने के लिए बड़े-बड़े सियासी सूरमा लालायित रहते थे, आज उसी पार्टी से उसके सबसे भरोसेमंद नेता भी रूखसत होने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। यही नहीं, हालातों की संजीदगी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि बीजेपी के आगे कांग्रेस का हर दांव सफल होना तो दूर बल्कि सक्रिय होने से पहले ही दम तोड़ देता नजर आ रहा है।  अब जाहिर है कि इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए अगर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के बारे यह कहा जाए कि यह अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है तो यह कहना शायद गलत नहीं होगा।

वहीं, कल तक जिन राज्यों में कांग्रेस का किला महफूज था, वहां भी अब यह दरकती हुई नजर आ रही है।  जिसकी बानगी हमें बीते दिनों पंजाब में देखने को मिल ही चुकी है, लेकिन जिस तरह की स्थिति  बीते कुछ दिनों से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बनती दिख रही है, उसे देखकर ऐसा माना जा रहा है कि अब वो दिन दूर नहीं, जब इन दोनों ही राज्यों में मध्य  प्रदेश जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।  खैर, कई मौकों पर कांग्रेस हाईकमान की तरफ से इन दोनों ही राज्यों के सियासी खींचतान को विराम देने की दिशा में दोनों ही सूबों के आलाकमान से मंत्रणा की जिसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आ रहे हैं।

वहीं, अब खबर है कि पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुखातिब होने  जा रहे हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा है कि आखिर इस मुलाकात को क्या नाम दें। आखिर इस मुलाकात के सियासी मायने क्या हैं। अब इन्हें लेकर कयासों का सिलसिला जारी है, लेकिन राजस्थान सीएमओ की तरफ  से कहा गया है कि पंजाब के सीएम अपने बेटे की शादी में अशोक गहलोत को आमंत्रित करने के लिए उनसे कल मिलने जा रहे हैं, लेकिन  सियासी गलियारों में इस मुलाकात को शादी के नजरिय से नहीं, बल्कि सियासत के उस चश्मे से देखा जा रहा है, जिसने प्रदेश के सियासी तापमान का पारा चढ़ा दिया है।

 

अब ऐसे में दोनों की मुलाकात क्या परीणीति निकलकर सामने आती है। इसके लिए तो थोड़ा इंतजार करना होगा। गौरतलब है कि विगत दिनों जिस तरह कांग्रेस हाईकमान ने  किसी लिखित सियासी पटकथा की तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा लेते हुए चन्नी को सीएम कुर्सी पर विराजमान किया,  उसने सभी को एक पल के लिए चौंका दिया था।  वहीं, अब इस मुलाकात के क्या नतीजे सामने आते है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि वे चन्नी अशोक गहलोत से  सियासत के गुर सीखने जा रहे हैं।

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