नई दिल्ली। विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धा डोगरा स्टारर फिल्म ‘द साबरमति रिपोर्ट’ रिलीज के साथ ही विवादों और चर्चाओं में रही है। 15 नवंबर को रिलीज हुई इस फिल्म ने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर गहरी बहस छेड़ी थी। फिल्म 2002 में हुए गोधरा कांड और उसके बाद गुजरात में हुए दंगों पर आधारित है। गुरुवार को दिल्ली के प्रसिद्ध जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्रों के बीच भारी बवाल हुआ। वामपंथी और एबीवीपी से जुड़े छात्रों के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि पत्थरबाजी तक की नौबत आ गई।
स्क्रीनिंग के दौरान हंगामा और पत्थरबाजी
फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान माहौल अचानक गरमा गया। कुछ छात्रों ने स्क्रीनिंग का विरोध करते हुए पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण कार्यक्रम बाधित हो गया। इसके बाद छात्रों के दो समूहों के बीच झड़पें हुईं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े छात्रों ने वामपंथी दलों के छात्रों पर गंभीर आरोप लगाए। एबीवीपी के छात्रों का कहना है कि वामपंथी गुट अक्सर इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन करते हैं और शांति भंग करने की कोशिश करते हैं।
फिल्म ‘द साबरमति रिपोर्ट’ को लेकर विवाद
डायरेक्टर धीरज शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने 15 नवंबर को रिलीज के बाद से ही सिनेमा और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी।
फिल्म की कहानी गोधरा कांड के बाद के हालातों और दंगों की भीषणता को दिखाती है। फिल्म में कई संवेदनशील मुद्दों को उठाया गया है, जो समाज और राजनीति के विभिन्न पहलुओं पर सवाल खड़े करते हैं। हालांकि, फिल्म को क्रिटिक्स से ज्यादा तारीफ नहीं मिली। कई समीक्षकों ने इसे औसत से नीचे का बताया, लेकिन विवादों और राजनीतिक संदर्भों के चलते यह लगातार सुर्खियों में बनी रही।
#BREAKING | JNU में फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की स्क्रीनिंग के दौरान बवाल@DivyankarTiwari की रिपोर्ट@Sheerin_sherry | https://t.co/smwhXUROiK #JNU #ABVP #TheSabarmatiReport #Delhi #LatestUpdates #ABPNews pic.twitter.com/4reNe9U2wX
— ABP News (@ABPNews) December 12, 2024
राजनीतिक हस्तियों ने देखी थी फिल्म
फिल्म की रिलीज के कुछ दिन बाद, 2 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने विशेष स्क्रीनिंग में यह फिल्म देखी। इस कार्यक्रम ने फिल्म की लोकप्रियता और विवादों को और हवा दी। हालांकि, इतनी चर्चाओं और विवादों के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। फिल्म ने समाज के विभिन्न वर्गों में बहस छेड़ी। जहां कुछ दर्शकों ने इसे सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से जागरूकता लाने वाला बताया, वहीं अन्य ने इसे एकतरफा नजरिए से बनाई गई फिल्म कहा।