News Room Post

Assam: बाल विवाह के खिलाफ CM हिमंता ने उठाया कड़ा कदम, तो तिलमिलाए ओवैसी, कह दी ऐसी बात

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बाल विवाह के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया, तो सियासी गलियारों में कुछ नेताओं को मिर्ची लग गई और वे सरकार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी बताने की होड़ में लग गए। इस होड़ में सबसे पहले शामिल हुए ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष मौलाना बहरुद्दीन अजमल। उन्होंने सरकार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी करार दिया। और कहा कि ऐसा करके सरकार मुस्लिमों को परेशान कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं खुद बाल विवाह के विरोध में हूं, लेकिन हिमंता सरकार को कोई भी कदम उठाने से पहले अभियान छेड़कर लोगों को जागरुक करना चाहिए था। लेकिन, अफसोस उन्होंने ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया है। सीधा मुस्लिमों को परेशान करने पर आमादा हो गई।

उधर, अब इस फेहरिस्त में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी शामिल हो गया। उन्होंने हिमंता सरकार के कदम की आलोचना की है। उन्होंने भी मौलाना बहरुद्दीन अजमल के सुर में सुर मिलाते हुए असम सरकार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी करार दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि जिनकी शादी हो चुकी है, उन लड़कियों का आप क्या करेंगे?’ लड़कियों का क्या होगा जो शादी कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘उनकी देखभाल कौन करेगा? आपने(असम सरकार) 4,000 मामलें दर्ज़ किए। क्या आप नए स्कूल क्यों नहीं खोल रहे हैं?’ जब इतना सबकुछ कहने के बाद भी उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने असम सरकार पर मुस्लिमों के प्रति पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगा दिया। आइए, अब आपको आगे पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।

आपको बता दें कि बीते दिनों सीएम हिमंता बिस्वा कैबिनटे में बाल विवाह के संदर्भ में प्रस्ताव लेकर आए थे, जिसमें बाल विवाह करने वाले पुरुषों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान था। वहीं अब सरकार इस प्रस्ताव को क्रियान्वित करने में जुट चुकी है। बता दें कि अब तक बाल विवाह के विरोध में चार हजार से भी मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, तो वहीं 2 हजार से भी अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें पुजारी और काजी भी शामिल हैं। लेकिन, ओवैसी जैसे नेताओं का मानना है कि हिमंता सरकार ने यह कदम मुस्लिमों को परेशान करने के लिए उठाया है। बहरहाल, अभी इस पूरे मसले को लेकर सियासी बवाल जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version