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UP: अब नहीं चलेगी अधिकारियों की मनमानी, CM योगी ने कराया प्रदेश का रियलिटी चेक, आम जनता को मिलेगी हर सुविधा

cm yogi

नई दिल्ली। अगर आप भी रखतें हैं, देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से ताल्लुक तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आप लोगों की ही सहूलियतों के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसे जानकर हर उस व्यक्ति के चेहरे खुशी से गुलजार हो रहे हैं, जिनके पांव की जूतियां सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते घिस चुकी है, लेकिन दफ्तर में बैठे  सरकारी मुलाजिम उनकी समस्याओं को हल करना तो दूर, उनकी बात तक सुनना भी मुनासिब नहीं समझते। सूबे के मुखिया सीएम योगी के इस कदम से प्रदेश का हर वो शख्स खुशी से फूले नहीं समा रहा है। जिनका काम आज तक सरकारी कर्मचारियों की उपेक्षा की वजह से भविष्य की शरण में ही है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि सीएम योगी के इस कदम के बाद अब अगर सूबे के किसी भी सरकारी मुलाजिम ने किसी भी व्यक्ति के काम को भविष्य के आश्रय पर छोड़ा, तो यकीन मानिए उस सरकारी मुलाजिम को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ जाएगी, क्योंकि अब सूबे के तमाम सरकारी कार्यलयों में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए खुद सीएम योगी मोर्चा संभाल चुके हैं।

सीएम योगी का रियलिटी चेक 

दरअसल, अब मुख्यमंत्री खुद ही प्रदेश के तमाम सरकारी कार्यलयों चाहे वो पुलिस विभाग  हो या कोई  और सरकारी विभाग। हर विभाग का रियलिटी चेक खुद सीएम योगी अपनी अगुवाई में करेंगे। इसी कड़ी में आज प्रदेश के पुलिस थानों का रियलिटी चेक किया गया, जिसमें तमाम खामियां पाईं गईं हैं। सीएम योगी ने प्रदेश के 30 जिलों का रियलिटी चेक किया है, जिसमें 14 कप्तान और 16 डीएम अपने दफ्तर में गैर हाजिर मिले हैं। जिसके बाद इनके लोकेशन को ट्रैक किया गया और  इन्हें इन्हें चेतावनी दी गई कि अगली मर्तबा दफ्तर में ही रहे।

अपने काम के प्रति ईमानदार व गंभीर रहे, अन्यथा कठोर कार्रवाई का सिलसिला भी शुरू किया जा सकता है।  इसी कड़ी में सीएम योगी  ने सुबह 9 और 10 बजे स्वयं फोन संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति का पता लगाया गया है। सीएम  ने फरमान जारी कर साफ कह दिया है कि उन सभी अधिकारियों को नोटिस जारी करने की तैयारी है, जो दफ्तर मे नहीं दिखते हैं और उनकी इस शैली की वजह से आम लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

क्यों उठाया गया यह कदम

सीएम योगी ने यह कदम आम जनता को सरकारी गतिविधियों के दौरान होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने हेतु उठाया है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न हो। आमतौर पर सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के नतीजतन आम लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए योगी सरकार यह कदम काफी प्रसांगिक माना जा रहा है।

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