News Room Post

CM Yogi In Baghpat: CM योगी ने किया गोरक्षनाथ आश्रम में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का शुभारंभ, बोले- उत्साह और उमंग की परंपरा हैं भारत के पर्व-त्योहार

CM Yogi Adityanath

बागपत। भारत के पर्व और त्योहार उत्साह और उमंग की परंपरा के वाहक हैं, इसमें शोक और दु:ख के लिए कोई जगह नहीं है। हमने सदैव सकारात्मक सोच के साथ भारत की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। ये पर्व और त्योहार भारत की ऋषि परंपरा की साधना और सिद्धि का परिणाम हैं। अच्छा सोचो, अच्छा करो तो परिणाम अच्छा ही आएगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बागपत के नांगल गांव स्थित श्री गुरू गोरक्षनाथ आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के शुभारंभ के अवसर पर कही। इससे पहले उन्होंने आश्रम में स्थित गुरु गोरखनाथ के मंदिर और नवदुर्गा मंदिर में दर्शन-पूजन किया। साथ ही परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोपा। इसके अलावा उन्होंने भव्य सत्संग भवन का भी लोकार्पण किया।

ज्ञान यज्ञ है श्रीमद्भागवत महापुराण

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बागपत की धरती का महत्व महाभारत कालीन है। श्रीकृष्ण ने जिन पांच ग्रामों को दुर्योधन से मांगा था, उसमें बागपत की धरती भी शामिल है। सीएम योगी ने कहा कि हाल ही में प्रदेश में विजयदशमी का पर्व संपन्न हुआ है। ये सत्य, धर्म और न्याय की विजय का पर्व है। मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के शुभारंभ पर कहा कि ये महापुराण असल में ‘ज्ञान यज्ञ’ है। ये मोक्ष और मुक्ति से जुड़ा हुआ है। हम सब मुक्ति के लिए विभिन्न धाम और तीर्थों में जाकर कामना करते हैं। हम दान और यज्ञ भी मुक्ति की कामना से करते हैं। मुक्ति या मोक्ष का अर्थ है, जिस संकल्प के साथ हम बढ़े हैं उसमें पारंगत हो जाएं। अलग अलग व्यक्ति के लिए मुक्ति का अर्थ अलग अलग हो सकता है। संन्यासी के लिए ये जन्म मरण के बंधन से छूटना है तो गृहस्थ के लिए उसके सत्कर्मों का सुफल मिलना है। इस महापुराण में ज्ञान, भक्ति और वैराग्य तीनों मिलता है।

एक योगी जंगल में भी मंगल कर सकता है

मुख्यमंत्री ने आश्रम के महंत योगी अर्जुननाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने यहां देश के विभिन्न हिस्सों से संतों, योगेश्वरों और श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है। कथा को लेकर लोगों में उत्साह सराहनीय है। एक योगी जंगल में भी मंगल कर सकता है। महंत योगी अर्जुननाथ ने यहां बड़े सभागार और सरोवर का निर्माण कराया है। अब इनके संरक्षण के लिए स्थानीय जनमानस को आगे आना होगा। धार्मिक स्थलों के संरक्षण से नई ऊर्जा मिलती है। यहां विभिन्न धार्मिक आयोजनों से जुड़ने का आप सभी को अवसर मिलेगा। इससे समाज में सकारात्मकता बढ़ेगी। खुशहाली आएगी और अव्यवस्था समाप्त होगी। यही हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत पुराण की कथा वाचिका व्यासपीठ पर विराजमान सुश्री नीरज शर्मा की प्रशंसा करते हुए वेदों का उदाहरण भी दिया, जिसकी तमाम ऋचाएं विदूषियों द्वारा रची गई हैं। इसके लिए सीएम योगी ने नारी शक्ति का वंदन अभिनंदन किया।

Exit mobile version