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Uttar Pradesh: नियुक्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर सीएम योगी सख्त, कहा ऐसे लोगों की एक मात्र जगह जेल

Yogi Adityanath

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को लेकर ज्यादा सख्त नजर आते हैं। लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम योगी कदम उठाते रहे हैं। ऐसे में अब सीएम योगी आदित्यनाथ नियुक्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर ज्यादा सख्त नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर 3317 सहायक शिक्षकों को पद स्थापन एवं नियुक्तिपत्र वितरण समारोह के वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने तब कहा कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है। पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी। इसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। बावजूद इसके नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा।

नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना की। साथ ही कहा कि, याद कीजिये साढ़े तीन साल पहले उप्र लोक सेवा आयोग की सोहरत किस वजह से थी। अब उसके उलट यह नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए जाना जाता है। अब यहां नियुक्ति का एक मात्र मानक मेरिट है। आप लोगों का चयन खुद में इसका प्रमाण है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि मौजूदा युग तकनीक का है। खुद भी तकनीकी रूप से अपडेट रहें और बच्चों को भी करें। तकनीक ही पारदर्शिता की कुंजी है। अगर तकनीक नहीं होती तो हम कोरोना के इस अभूतपूर्व संकट में जरूरतमंदों को पेंशन, भरण-पोषण भत्ता और किसान सम्मान निधि के रूप में एक क्लिक पर लाभ नहीं पहुचा पाते। तकनीक की वजह से ही हम कोरोना के इस दौर में ऑनलाइन प्रक्रिया से पठन-पाठन की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रख सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा हमारी पूंजी है। जो जिस लायक है उसकी मेरिट का सम्मान करते हुए वह जगह मिल रही है। मेरिट के आधार पर ही हमने अब तक करीब 3.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। इतनी ही नौकरी देने जा रहे हैं। शुरुआत हो चुकी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुछ नवनियुक्त शिक्षकों से बात भी की। उन्होंने कहा कि शिक्षक मार्गदर्शक होता है। इस रूप में उसका फर्ज भी बड़ा होता है। अगर एक शिक्षक पूरी लगन और ऊर्जा से बच्चों को पढ़ाए तो उसमें समाज बदलने की क्षमता होती है। अपने काम से वह न केवल बच्चों में बल्कि समाज में भी सम्माननीय होता है।

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