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Congress Plenary Resolutions: कांग्रेस ने विदेश, राजनीतिक और आर्थिक प्रस्तावों से मोदी सरकार पर साधा निशाना, लेकिन कई मुद्दों पर खुद भी घिरने के आसार

congress plenary in raipur

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में जारी कांग्रेस के महाधिवेशन में आज पार्टी ने विदेश मामलों, राजनीतिक और आर्थिक मामलों पर प्रस्ताव पास किए। इन प्रस्तावों में केंद्र की मोदी सरकार को तो कांग्रेस ने घेरा है, लेकिन साथ ही ऐसे तमाम बिंदु उठाए हैं, जिनकी वजह से खुद कांग्रेस पलटवार का शिकार बन सकती है। मसलन अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव में कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सिद्धांत को विकसित करने में नाकाम रही है। इसके आगे कांग्रेस ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिखा है कि दोनों देशों ने ऐसा किया है। कांग्रेस ने ये प्रस्ताव भी पास किया है कि वो भारत में अंतरराष्ट्रीय संगठनों, थिंक टैंक और चैरिटी का काम करने वाले संगठनों के कामकाज को बहाल और सुरक्षित रखेगी। बता दें कि मोदी सरकार ने कई संगठनों के भारत विरोधी गतिविधियों पर नकेल कसी है। ऐसे में क्या कांग्रेस सरकार बनने पर ऐसे संगठनों को प्रश्रय दिया जाएगा? इस सवाल का जवाब भी कांग्रेस को देना पड़ सकता है। चीन के मसले पर कांग्रेस ने अपनी पुरानी लाइन के मुताबिक मोदी सरकार को घेरा है कि वो भारत की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करने में नाकाम रही है। नेपाल के मामले में भी कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरते हुए प्रस्ताव पास किया है कि 2014 से दोनों देशों के रिश्ते प्रतिकूल बने हैं। कांग्रेस का कहना है कि भारत की विदेश नीति थोड़े समय के लाभ वाले लेनदेन तक ही सीमित नहीं रह सकती।

अपने राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस ने कहा है कि राष्ट्र मौजूदा दौर में अंधकार और पीड़ा में है। विभाजनकारी ताकतों ने घाव दिया है। जिससे वो मुक्त कराएगी। कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा को इसके लिए बड़ा कदम करार दिया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि उसने सरकार के तीनों अंगों और मीडिया को विकृत किया है। इस पर भी उसे पलटवार का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार आवाज उठाने वालों को परेशान और गिरफ्तार करती है। ऐसे सभी कानूनों की वो सरकार बनने पर समीक्षा करेगी। बीजेपी पर विधायकों को खरीदकर सरकार बनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि वो दलबदल विरोधी कानून में बदलाव के लिए संविधान संशोधन करेगी। कांग्रेस ने ये दावा भी किया है कि जनता का भरोसा ईवीएम से उठ गया है। जबकि, अब तक कांग्रेस समेत विपक्षी दल ही ईवीएम के बारे में शिकायत करते रहे हैं। कांग्रेस ने कहा है कि घृणा संबंधी अपराधों को रोकने के लिए वो नया कानून बनाएगी। इस मामले में भी बीजेपी उसे 1984 के सिख दंगों का हवाला देकर घेरती रही है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर राज्यपालों के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया है। राहुल गांधी को सलाम करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा का संदेश आगे पहुंचाने का काम हर कांग्रेसी को करना है।

आर्थिक मामलों के प्रस्ताव में कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था का गलत प्रबंधन किया है। पार्टी ने बेरोजगारी, व्यापार घाटा की बात कही है और शहरी क्षेत्र में भी मनरेगा जैसी योजना लाने के लिए कहा है। महंगाई के लगातार तेज रहने और उसे कम न करने का आरोप भी कांग्रेस ने लगाया है। बीजेपी पहले भी इस आरोप पर पलटवार करती रही है कि यूपीए सरकार के दौर में महंगाई दोहरे अंक में रही थी। कांग्रेस ने आर्थिक प्रस्ताव में अडानी का मुद्दा उठाया है। उसने कहा है कि सरकार को जिम्मेदारी से भागने नहीं दिया जाएगा। हालांकि, उसने इससे उलट ये भी कहा है कि वो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ नहीं, जो साधारण से दुनिया का दूसरा अमीर बन जाए।

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