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ABG Shipyard Fraud: यूपीए सरकार के जमाने से शुरू हुआ ABG वाला बैंक फ्रॉड, लेकिन कांग्रेस मढ़ रही मोदी सरकार पर तोहमत

Congress Randeep surjewala

नई दिल्ली। अपना दामन भले ही कालिख से पुता हो, लेकिन दूसरे की कमीज पर ज्यादा कालिख दिखाकर खुद को पाक साफ दिखाने की अब कांग्रेस ने कोशिश शुरू कर दी है। मामला 22000 करोड़ से ज्यादा के बैंक फ्रॉड का है। यूपीए सरकार के दौरान एबीजी शिपयार्ड नाम की कंपनी ने बैंकों से इस धोखाधड़ी की शुरुआत की थी, लेकिन चूंकि मामला मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2017 तक खिंच गया, इसलिए कांग्रेस को इसमें मोदी सरकार की गलती नजर आने लग गई। नतीजे में कांग्रेस अब बैंक फ्रॉड के पुराने मामले भी जुटाकर केंद्र सरकार पर हमला बोल रही है।

कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले में बयान जारी कर कहा है कि बीते 7 साल में बैंकों के एनपीए में बढ़ोतरी हुई है और मोदी सरकार की योजना बैंक धोखाधड़ी करने वालों के लिए लूट एंड एस्केप यानी लूटकर भाग जाने की रही है। सुरजेवाला ने ये आरोप भी लगाया है कि 535000 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी की घटनाओं से बैंकिंग प्रणाली बर्बाद हो गई है। इससे पहले भी कांग्रेस ऐसे आरोपों में मोदी सरकार को घेरती रही है। नीरव मोदी और विजय माल्या के मामले इसके उदाहरण हैं। जबकि, खुलासा हो चुका है कि माल्या और नीरव ने बैंकों को चपत लगाने की शुरुआत कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान ही की थी और तब की सरकार चुप्पी साधे बैठी थी।

एबीजी शिपयार्ड की ओर से बैंक धोखाधड़ी का ये मामला साल 2012 से 2017 तक का है। आरोपी एबीजी शिपयार्ड नाम की के तत्कालीन एमडी ऋषि कमलेश अग्रवाल समेत 8 लोग हैं। एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के कंसोर्शियम यानी गुट की ओर से शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया है। 28 बैंकों से 22842 करोड़ की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई है। ये कंपनी जहाज बनाने और उन्हें रिपेयर करने का काम करती है। शिपयार्ड गुजरात के दाहेज और सूरत में हैं। इससे पहले विजय माल्या और हीरा व्यापारी नीरव मोदी के बैंक फ्रॉड के मामले सामने आए थे, लेकिन इस मामले में फ्रॉड से हासिल धनराशि सबसे ज्यादा है।

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