रायपुर। हिंदुत्व का विरोध करने वाली कांग्रेस ने अब अपनी चाल, चरित्र और चेहरा बदल लिया है। भगवान राम को कांग्रेस ने केंद्र में अपनी सरकार के दौरान कोर्ट में काल्पनिक तक बताया था, लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में मुंह की खाने के बाद अब वो खुद को हिंदुओं का खैरख्वाह बताने में जुट गई है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ का है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने एलान किया है कि कृष्ण जी के जन्मदिन यानी जन्माष्टमी के पर्व पर राज्य में शराब और मांसहार की दुकानों को बंद रखा जाएगा। ये पहला मौका है, जब कांग्रेस की किसी सरकार ने इस तरह का फैसला किया है। कांग्रेस शायद सोच रही है कि अपना रूप बदलकर वह हिंदुओं को खुश कर अपने पाले में कर लेगी, लेकिन इसी कांग्रेस ने हिंदुओं को हमेशा दोयम दर्जे का समझा। यहां तक कि पीएम रहते मनमोहन सिंह ने ये तक कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है। कांग्रेस की डिक्शनरी में हमेशा मुसलमान ही अल्पसंख्यक रहा है। सिख भी अल्पसंख्यक हैं, लेकिन कांग्रेसियों पर सिख विरोधी दंगों में सैकड़ों लोगों की जान लेने का आरोप लग भी चुका है और साबित भी।
? जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर मदिरा विक्रय दुकानों और मांसाहार की दुकानों को कल 30 अगस्त 2021 को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 29, 2021
कांग्रेस का ये हिंदू प्रेम लगातार मोदी लहर में पिटने के बाद जागा है। लोकसभा चुनाव में लगातार पराजय के बाद अचानक पता चलता है कि राहुल गांधी ब्राह्मण और जनेऊधारी हैं। वह कैलाश-मानसरोवर भी पहुंच गए। तिरुपति से लेकर देश के कई मंदिरों में राहुल और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के मत्था टेकने की फोटो भी आईं। जब इस पर लोगों ने तंज कसा, तो राहुल गांधी के करीबियों ने उनके ब्राह्मण और जनेऊधारी होने की खबरों को आगे बढ़ाना बंद कर दिया।
हिंदुओं को लुभाने की कोशिश में कांग्रेस खूब जुटी, लेकिन अब तक हुए विधानसभा चुनावों में सिर्फ पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही वो सरकार बना सकी। कांग्रेस के भीतरखाने की हालत अब ये है कि मध्यप्रदेश में सरकार वो गंवा चुकी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद जैसे बड़े नेता बीजेपी में आ चुके हैं। पंजाब और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। इन्हीं से निपटने में कांग्रेस आलाकमान को पसीने छूट रहे हैं।