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Punjab: कैप्टन अमरिंदर ने फंसाई ऐसी फांस, अटक गई कांग्रेस आलाकमान की सांस

नई दिल्ली। कांग्रेस आलाकमान की सांस पंजाब ने फिर एक बार अटका दी है। वजह हैं पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह। अमरिंदर के इरादों को भांपकर कांग्रेस के कर्ताधर्ता अब सोच में पड़ गए हैं। पंजाब विधानसभा के चुनाव आने वाले हैं। ऐसे में अमरिंदर ने जो फांस अटकाई है, उससे और पंजाब कांग्रेस में अब भी मची उठापटक से कांग्रेस आलाकमान चिंता में पड़ गया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को बीते दिनों कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब के सीएम से पद से हटा दिया था। जिसके बाद दलित चेहरे चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया गया। कांग्रेस के नेता इसे आलाकमान का मास्टरस्ट्रोक कह रहे थे, लेकिन जैसे ही कैप्टन ने कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने का एलान किया, उस मास्टरस्ट्रोक को भूलकर कांग्रेस अब अपनी हिलती जड़ों को संजोने में जुट गई है।

कांग्रेस आलाकमान और उसके नेताओं को अब समझ में आ रहा है कि आखिर अमरिंदर सिंह काफी समय से क्यों पंजाब को फिर बाहरी ताकतों से खतरा बता रहे थे। दरअसल, पंजाब के गांवों में भले ही सिख ज्यादा हों, लेकिन कस्बों और शहरों में हिंदुओं की संख्या ज्यादा है। पंजाब में 38 फीसदी सिख तो करीब 34 फीसदी हिंदू हैं। आतंकवाद के दौर में सबसे ज्यादा हिंदुओं की मौत हुई थी। सूत्रों के मुताबिक ऐसे में कांग्रेस को समझ आ गया है कि पंजाब को बाहरी ताकतों से खतरा बताकर कैप्टन ने हिंदू वोटों को पाले में करने की कोशिश की है। इससे चुनाव में कांग्रेस को बड़ा खतरा हो सकता है।

इसके अलावा कैप्टन ने कृषि कानून पर सही फैसला लेने पर बीजेपी से हाथ मिलाने की बात कही है। कांग्रेस आलाकमान अब ये भी सोच रहा है कि अगर ऐसा हुआ, तो तमाम सिखों में भी कैप्टन हीरो बनकर उभरेंगे। ऐसे में कांग्रेस को इस समुदाय के वोट हासिल करने में भी दिक्कत हो सकती है। कैप्टन जाट सिख हैं। ऐसे में वह खुद को अपमानित करने की बात कहकर इस समुदाय को भी अपने साथ लेने की कोशिश कर रहे हैं। तो कुल मिलाकर ये तीन बड़ी वजह पंजाब को लेकर कांग्रेस की सांस अटका रही हैं।

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