अमृतसर। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू खुद भी चुनाव लड़ रहे हैं और पार्टी की राज्य इकाई में गुटबाजी से परेशान भी हैं। पंजाब में अगले महीने की 20 तारीख को वोटिंग होगी और इससे पहले शायद सिद्धू को ये अंदाजा हो गया है कि कांग्रेस की हालत पतली हो सकती है। उनके एक बयान से इस बारे में चर्चा शुरू हो गई है। सिद्धू ने बयान दिया है कि कांग्रेस को सिर्फ कांग्रेस ही हरा सकती है। सिद्धू ने ये बयान ऐसे ही नहीं दिया। पंजाब में कांग्रेस इतने खेमों में बंट चुकी है, जिनकी गिनती करने में वक्त लग सकता है। खुद सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी एक-दूसरे के खिलाफ संकेतों में बयानबाजी करते भी दिख चुके हैं। दोनों के बीच टकराव की वजह सीएम का चेहरा है। सिद्धू की सीएम बनने की लालसा पहले भी दिख चुकी है। वहीं, चन्नी को कांग्रेस आलाकमान ने फिलहाल आगे कर रखा है।
पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा भी सिद्धू से नाराज हैं। वजह कि पहले सीएम पद के लिए उनका नाम चल रहा था, लेकिन चन्नी सीएम बना दिए गए। रंधावा इतने नाराज हैं कि बीते दिनों उन्होंने बयान दिया था कि अपना पद वो सिद्धू के पैरों में भी रख देंगे। पंजाब कांग्रेस की गुटबाजी किस मोड़ पर आ पहुंची है, ये इससे भी पता चलता है कि तमाम जगह नेता टिकट न मिलने के बाद नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे चुके हैं और निर्दलीय लड़ने का एलान कर रहे हैं। इनमें चन्नी के रिश्तेदार भी शामिल हैं।
यूपी में विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का कमल थाम लिया। इसके बाद अब कांग्रेस ने पंजाब के नवांशहर से अदिति के पति अंगद सिंह सैनी का टिकट काट दिया। इससे भी ये संकेत गए हैं कि कांग्रेस के नेता बदला ले रहे हैं। अंगद ने भी टिकट कटने के बाद निर्दलीय लड़ने का एलान किया है। वो पंजाब में सबसे कम उम्र के विधायक रहे हैं।