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Nagpur: कांग्रेस नेता खड़गे का RSS पर विवादित बयान, कहा- पहले मारते हैं और फिर…

नई दिल्ली/नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म संसद के दौरान दी जाने वाली हेट स्पीच को हिंदुत्व के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि धर्म संसद में कही गई बातें हिंदू और हिंदुत्व की परिभाषा में फिट नहीं होतीं। इसकी वजह ये है कि अगर गुस्से में कोई बात कही जाती है, तो वो हिंदुत्व को प्रकट नहीं करती। मोहन भागवत के इस बयान पर कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का विवादित पलटवार सामने आया है। खड़गे ने कहा कि पहले मारते हैं और बाद में कहते हैं कि हमने कुछ नहीं कहा। खड़गे ने कहा कि जिन लोगों को आप ट्रेनिंग दे रहे हैं, पहले उन्हें मिलकर रहने की सोच समझाएं। उसके बाद आप कह सकते हैं कि लोग हमारे कहने के बाद भी ऐसा कर रहे हैं और हम आपसे दूर हो रहे हैं। बता दें कि बता दें कि कुछ हफ्ते पहले दो धर्म संसद के दौरान विवादित बयान दिए गए थे। ‘हिंदुत्व और राष्ट्रीय अखंडता’ विषय पर एक सेमीनार में भागवत ने ये भी कहा कि वीर सावरकर ने हिंदू समुदाय की एकता की बात कही थी। इसके लिए सावरकर ने भगवद गीता का संदर्भ भी दिया था, लेकिन उन्होंने किसी को खत्म करने या नुकसान पहुंचाने की बात नहीं कही थी।

संघ प्रमुख ने आगे कहा कि आरएसएस और हिंदुत्व को मानने वाले लोग इस तरह की हेट स्पीच पर भरोसा नहीं करते। उन्होंने कहा कि संघ लोगों को बांटने की जगह उनके मतभेदों को दूर करने का काम करता है। ये काम हम हिंदुत्व के जरिए करना चाहते हैं। मोहन भागवत ने ये बात इसलिए कही क्योंकि पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार और रायपुर में हुई धर्म संसद में मुसलमानों और महात्मा गांधी के बारे में अमर्यादित टिप्पणियां की गई थीं और ऐसा करने वालों का नाम आरएसएस से जोड़ा जा रहा था।

हिंदू राष्ट्र बनने की राह पर भारत का आरोप लगाने वालों का नाम लिए बगैर मोहन भागवत ने कहा कि हमारे संविधान की प्रकृति हिंदुत्व वाली ही है। ये वैसी है, जैसी देश की अखंडता की भावना। अलग-अलग होने का मतलब अलगाव नहीं होता। ये हिंदू राष्ट्र बनाने के बारे में नहीं है। भले ही इसे कोई माने या न माने। उन्होंने कहा कि साल 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जब संघ के कार्यक्रम मे आए थे, तो उस वक्त घर वापसी का मुद्दा गर्म था। भागवत ने कहा कि जब मैं राष्ट्रपति को न्योता देने गया, तो उन्होंने कहा कि जिन समुदायों के लोग देश से अलग होने की बात करते हैं, उनकी घर वापसी का काम आरएसएस को करना चाहिए।

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