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Congress: कन्हैया की एंट्री पर कांग्रेस में मचा महाभारत, वरिष्ठ नेता ने उठाये सवाल

Kanhaiya Kumar's Joining Congress : मनीष तिवारी ने अपने ट्वीट में कहा कि कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। ऐसे में 1973 में छपी कम्युनिस्ट इन कांग्रेस पढ़ी जानी चाहिए। चीजें जितनी बदलती हैं, उतनी ही ज्यादा सामान लगती हैं।

rahul gandhi and kanhaiya kumar

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने बीजेपी के हाथ एक और बड़ा मौका दे दिया है, जिसे लेकर आने वाले चुनावों में कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ सकता है। दरअसल, आज सीपीआई की छत्रछाया में रहने वाले कन्हैया कुमार और गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस का दामन थामने जा रहे हैं, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि उनके पार्टी में शामिल होने से पहले ही कांग्रेस में विरोध के स्वर उभरकर सामने आ रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कन्हैया कुमार के शामिल होने पर पार्टी आलाकमान को फिर से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।

मनीष तिवारी ने कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर जो कुछ भी अपने ट्वीट में कहा, वो इस समय खासा चर्चा में है, लोग उस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते नजर आ रहे हैं। हम आपको मनीष तिवारी के उस ट्वीट से रूबरू कराएंगे, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि तिवारी के इस ट्वीट को लेकर सियासी पंडितों के बीच कयासों का सिलसिसा शुरू हो चुका है।

बताया जा रहा है कि शायद तिवारी आने वाले दिनों में कन्हैया के शामिल होने की वजह से पार्टी को किस तरह की सियासी क्षति का सामना करना पड़ सकता है, वे इस बात को भांप चुके हैं। कन्हैया के शामिल होने से आने वाले दिनों में हर मसले पर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी के हाथ एक और बड़ा मौका मिल जाएगा।

दरअसल, मनीष तिवारी ने अपने ट्वीट में कहा कि कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। ऐसे में 1973 में छपी कम्युनिस्ट इन कांग्रेस पढ़ी जानी चाहिए। चीजें जितनी बदलती हैं, उतनी ही ज्यादा समान लगती हैं। उनके इस ट्वीट से साफ जाहिर है कि वे कन्हैया के शामिल होने से नाखुश हैं। फिलहाल, उनका यह ट्वीट अभी खासा सुर्खियों में है। लोग इस बात को लेकर हैरानी जता रहे हैं कि कन्हैया के शामिल होने से पहले ही जिस तरह कांग्रेस में विरोध के स्वर सुनने को मिल रहे हैं। ऐसे में आगे चलकर पार्टी की स्थिति क्या रूख अख्तियार करेगी। वहीं, कन्हैया के शामिल होने पर बीजेपी ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

बीजेपी और कांग्रेस के बीच छिड़ी जंग

वहीं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की वर्षगांठ पर कांग्रेस भारत तेरे टुकड़े होंगे वाले कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है। ये कोई संयोग नहीं है। भारत तेरे टुकड़े होंगे वालों के साथ कांग्रेस की हाथ मिलाना आदत बन चुकी है। उधर, बीजेपी प्रवक्ता सांबित पात्रा ने कहा कि टुकड़े गैंग ने भारत तेरे टुकड़े होंगे का नाम दिया था और आज ये लोग कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।

गौरतलब है कि कन्हैया कुमार हर मसले को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रहते हैं। ऐसे में जब कन्हैया कांग्रेस का दामन थामेंगे तो इससे पार्टी को  कितना फायदा मिलेगा। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही तय करेगा। बता दें कि कन्हैया ने अपने राजनीतिक करियर का पदार्पण सीपीआई की टिकट से बेगुसराय सीट से लोकसभा चुनाव लड़कर किया था, लेकिन वे वहां से चुनाव जीतने में नाकाम रहे। अब ऐसे में कांग्रेस के सहारे अपनी डूबते सियासी करियर को बचाने में कन्हैया कितने सफल होते हैं। ये देखना दिलचस्प होगा।

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