News Room Post

Rajasthan: रेप की घटनाओं पर बवाल मचाने वाले राहुल गांधी, सियासी फायदे के लिए राजस्थान में महिलाओं के साथ बढ़ती घटनाओं पर साध रहे चुप्पी

Priyanka and Ashok

नई दिल्ली। दिल्ली और यूपी में महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म की घटनाओं की खबर मिलते ही जितनी तेजी से प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी सक्रिय हो जाते हैं। उतनी ही निष्क्रियता कांग्रेस शासित प्रदेशों से आ रही ऐसी घटनाओं को लेकर इन दोनों की दिखती है। हाल ही में दिल्ली में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना के बाद राहुल गांधी उस बच्ची के परिवार से मिलने पहुंचे तो उन्होंने रेप पीड़िता के मां-बाप की तस्वीर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दी। इसके बाद से उनका ट्विटर हैंडल लॉक कर दिया गया और अब बारी उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कार्रवाई की भी आ गई है। लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कांग्रेस की सरकार वाले राजस्थान में महिलाओं और बच्चियों के साथ बढ़ते दुष्कर्म की घटनाओं पर हमेशा चुप्पी साधे रहते हैं। अभी तक वह अपनी सरकार के खिलाफ ना तो कुछ बोल रहे हैं ना हीं उन्होंने अपनी सरकार के इस पर दिखाए गए उदासीन रवैये के खिलाफ आंदोलन ही किया है।

ये कहानी पूरे राजस्थान की है। जहां महिला अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। बच्चियों से लेकर युवतियों और फिर शादीशुदा महिलाओं से लेकर बुजूर्ग महिलाओं तक के साथ रोज हैवानियत की खबरें सामने आ रहीं हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर का भी हाल महिला अपराधों को लेकर बुरा है। यहां की स्थिति तो और गंभीर है। यहां हर रोज इस तरह की घटना सामने आ रही है लेकिन सत्ता, शासन और प्रशासन सब मुक है। यहां तक तो ठीक है लेकिन अन्य राज्यों में ऐसी घटनाओं पर बवाल मचाने वाले राहुल और प्रियंका भी यहां की घटनाओं पर कुछ नहीं बोलते।

इसी समय बाड़मेर में बकरी चराने गई एक लड़की को बंधक बनाकर एक 40 साल के अधेड़ उम्र शख्स ने उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया। इससे ठीक पहले 11 अगस्त को बाड़मेर में भी एक ऐसी ही शर्मसार कर देने वाली घटना घटी जिसमें सिणधरी थाना इलाके में एक शादीशुदा महिला के साथ गाड़ी में उसके पति के सामने गैंगरेप किया गया। साथ ही आरोपियों ने उसके पति की भी जमकर पिटाई की। इससे पहले जुलाई में जयपुर के कनोत क्षेत्र में एक 13 साल की लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया गया तो वहीं भरतपुर में 27 जुलाई को 14 साल की बच्ची का अपहरण कर गैंगरेप किया गया और इसमें शामिल दोनों आरोपी भी नाबालिग ही थे।

वहीं पिछले एक हफ्ते के इंदर प्रदेशभर में 7 से ज्यादा दुष्कर्म की वारदात हो चुकी है। प्रदेश में 8 अगस्त को नागौर मेड़ता में 14 साल की नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई इसी दिन बाड़मेर के सरनू गांव में एक महिला के साथ रेप का मामला दर्ज किया गया। वहीं अलवर में एक 16 साल की नाबालिग के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर उसका वीडियो वायरल कर दिया गया। झुंझनू में भी नाबालिग को बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया गया। राजस्थान के अजमेर में भी महिला से गैंगरेप की घटना घटी। दौस में तो हैवानियत का शिकार बच्ची के साथ उसके चाचा ने ही दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इसके साथ ही गुरुवार के ही दिन जयपुर के सोडाला थाना में एक गैंगरेप का मामला दर्ज कराया गया।

इससे ठीक एक माह पहले राजधानी जयपुर में ही 20 साल की युवती को जो एक मकान में अपने परिवार के साथ रहती थी दूसरे किरायेदार लड़के ने उठा लिया और छत पर ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया और इस पूरी वारदात में उसका दोस्त मददगार बना। वहीं जयपुर के ही एक निजी अस्पताल के वॉर्ड में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही महिला के साथ वॉर्ड व्बॉय ने घिनौनी हरकत कर दी। इससे पहले अलवर में पति के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची महिला के साथ ASI ने ही रेप किया। 15 मार्च को कोटा से एक नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर झालावाड़ लाया गया और यहां 20 से ज्यादा हैवानों ने मिलकर उसके साथ हैवानियत की। वहीं राजस्थान से एक महिला को काम दिलाने का बहाना बनाकर कश्मीर ले जाने वहां उसके साथ दुष्कर्म करने और जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराने की घटना भी सामने आई।

राज्य में बढ़ती इस तरह की वारदातों को लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी का जो रवैया है उससे साफ पता चलता है दुष्कर्म की घटनाओं में अन्य राज्यों में इनकी सक्रियता सियासी ड्रामे से ज्यादा कुछ नहीं है। राजस्थान की घटनाओं पर इस तरह की चुप्पी साफ-साफ बता रही है कि उन्हें पता है कि अगर उन्होंने अपने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई तो उनका बचा खुचा सियासी किला भी ढह जाएगा। लेकिन इनको यूपी और दिल्ली में घटनेवाली रेप की घटनाओं पर सक्रियता देखकर आपको लगेगा कि ये दोनों देश में महिला सुरक्षा के सबसे बड़े पुरोधा हैं। लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेशों में महिलाओं की जो हालत है वह साफ बयां कर रही है कि हालात यहां बदतर हैं लोकिन सियासी फायदे के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने चुप्पी साध रखी है।

Exit mobile version