नई दिल्ली। गुजरात के अहमदाबाद में चल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान आज मंच पर अपनी बात रखते हुए पार्टी के एक नेता ने आलाकमान के सामने ही कांग्रेस की खामियों को उजागर किया। कानपुर के रहने वाले कांग्रेस नेता आलोक मिश्रा ने कहा कि पार्टी में एक ऐसे व्यक्ति को शहर अध्यक्ष बनाया गया है जिसका एक बेटा सपा में है और दूसरा बेटा बीजेपी में। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे व्यक्ति को शहर अध्यक्ष बनाना उचित है। जब आलोक मिश्रा ने यह बात कही तब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद थे। हालांकि आलोक मिश्रा की बात सुनकर खड़गे ताली बजाने लगे।
आलोक मिश्रा ने कहा कि खड़गे जी मैं पूछना चाहता हूं कि आप बीजेपी को हटाना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस के अंदर भी बीजेपी के लोग हैं। उन्होंने कहा कि आपने मुझे मौका दिया, लोकसभा चुनाव 2024 में कानपुर में हमने 4 लाख 22 हजार वोट हासिल किए जो सन 1947 से किसी को नहीं मिले थे। मिश्रा ने कहा कि खड़गे जी मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं कि शहर अध्यक्षों को जो आपने सत्ता दी है, हम उसे स्वीकार करते हैं. लेकिन यह भी फैसला कीजिए कि शहर या जिला अध्यक्ष चुनाव के लिए आवेदन नहीं करेगा बल्कि वो संगठन का काम देखेगा। अन्यथा हर शहर या जिला अध्यक्ष खुद को ही कैंडिडेट घोषित कर देगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि एक कार्यकर्ता जो साल 1982 से कांग्रेस में है, आज कांग्रेस की दुहाई देता है और आपसे आह्वान करने आया है कि हम लोग बीजेपी से बाद में लड़ते हैं, पहले कांग्रेसी आपस में ही लड़ते हैं। उन्होंने सभी कांग्रेसियों से आह्वान किया कि यह तय करना होगा कि कोई भी फैसला, जो ऊपर से तय किया जाएगा, उसे हम स्वीकारेंगे। आपस में नहीं लड़ेंगे और कांग्रेस पार्टी को सत्ता में वापस में लेकर आएंगे। उधर इस बात को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है कि आलोक मिश्रा का निशाना किसकी तरफ था।