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Politics Of Vote: बाबरी का गुंबद बचाकर मुसलमानों को दिखाना चाहती थी कांग्रेस, बीजेपी बोली- कांग्रेस विकास नहीं वोट की लालची

babri mosque

नई दिल्ली। भारत की राजनीति में 6 दिसंबर 1992 की तारीख हमेशा दर्ज रहेगी। ये तारीख अब से कुछ दिन पहले ही गुजरी है। साल 1992 के 6 दिसंबर को ही अयोध्या में राम जन्मभूमि पर अवैध तरीके से बनी बाबरी मस्जिद का ढांचा ध्वस्त हुआ था। इस ढांचे के ध्वस्त होने का ठीकरा केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यूपी में बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार के सिर पर मढ़ा था। इसके साथ ही कांग्रेस इस मामले को मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए भी करना चाह रही थी। कांग्रेस का इरादा बाबरी का कम से कम एक गुंबद बचाकर उसे शीशे के बक्से में रखकर देशभर में मुसलमानों को दिखाने का था, ताकि उनके वोट कांग्रेस को मिल सकें। बीजेपी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कांग्रेस हमेशा वोट के लालच में मुसलमानों को भरमाती रही है और इस समुदाय के विकास के लिए उसने कभी काम नहीं किया।

इंदिरा गांधी के करीबियों में माखनलाल फोतेदार का भी नाम है। वो 1992 में केंद्र की तत्कालीन नरसिंह राव की सरकार में मंत्री भी थे। फोतेदार ने अपनी आत्मकथा ‘चिनार लीव्स’ में लिखा है कि उन्होंने पीएम राव से फोन पर अनुरोध किया था कि वो सुरक्षा बलों से कहें कि फैजाबाद में तैनात वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से कारसेवकों पर आंसूगैस के गोले दागने का आदेश दें। फोतेदार ने अपनी किताब में ये भी लिखा है कि राव ने इससे इनकार किया। इसपर फोतेदार ने कहा कि कम से कम बाबरी का एक गुंबद तो बचा लीजिए, ताकि बाद में शीशे के बक्से में रखकर हम उसे मुसलमानों को दिखा सकें। फोतेदार ने ये भी लिखा कि बाबरी के ध्वंस के लिए पीएम नरसिंह राव भी जिम्मेदार थे।

यूपी बीजेपी के प्रवक्ता संजय चौधरी ने बाबरी के गुंबद के जरिए मुसलमानों का वोट लेने के कांग्रेस के इरादे पर Newsroom post को अपनी प्रतिक्रिया दी। संजय चौधरी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा इसी तरह तुष्टीकरण की राजनीति कर मुसलमानों को भरमाती और उनका वोट हासिल करती रही। उन्होंने कहा कि अटल जी की सरकार ने मुसलमानों के लिए इस्लामी देशों में वर्क परमिट की व्यवस्था कराई, मुरली मनोहर जोशी ने शिक्षा मंत्री रहते मदरसों में कंप्यूटर और विज्ञान की पढ़ाई कराने की व्यवस्था की। मोदी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया, लेकिन कांग्रेस ने वोटों के लालच में विवादित ढांचे पर ताला लगवाया, शाहबानो के मसले पर बैकफुट पर आई। यहां तक कि इमरजेंसी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को बढ़ाने का काम तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने किया। संजय चौधरी ने कहा कि ये सब साबित करता है कि मुसलमान नेताओं को साथ मिलाकर उनके ही समुदाय को भ्रमित रखने का काम कांग्रेस ने किया है और अब बीजेपी जब उनका विकास करना चाहती है, तो बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और मुस्लिम वोटों की सौदागर अन्य पार्टियां मोर्चा खोले हुई हैं।

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