नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान दिल्ली के मंडी हाउस में स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट के जस्टिस अजय मोहन गोयल ने बिजली कंपनी से जुड़े मामले में यह आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने विद्युत विभाग के प्रधान सचिव को इस मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं, उन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा सके, जिनकी लापरवाही के चलते यह नौबत आई। कोर्ट ने 15 दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट मांगी है। केस की अगली सुनवाई अब 6 दिसंबर को होगी। वहीं बीजेपी ने इस मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरा है।
ये है पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में चिनाब नदी पर 400 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट बनना था। इसके लिए सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड को काम सौंपा गया। करार के मुताबिक कंपनी को वहां पर मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क इत्यादि उपलब्ध करवाना हिमाचल सरकार की जिम्मेदारी थी मगर ऐसा हुआ नहीं। सुविधाओं के अभाव में कंपनी को प्रोजेक्ट बंद करना पड़ा। हिमाचल सरकार ने कंपनी का 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम जब्त कर लिया। कोर्ट ने इस रकम को 7 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश पूर्व में दिया था, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार में कोर्ट के इस आदेश की अवहेलना की. जिसके बाद ब्याज समेत यह राशि अब 150 करोड़ पहुंच गई है। इसी पर कोर्ट ने हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दे दिया।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | On reports of Himachal Pradesh High Court attaching the Himachal Bhawan in Delhi, former HP CM and LoP Jairam Thakur says "The present government has completely destroyed Himachal Pradesh and the way the investment that was going to come in the hydro sector in the name… <a href=”https://t.co/SH2oqIJSSK”>pic.twitter.com/SH2oqIJSSK</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1858729587754340384?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 19, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
उधर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और जिस तरह से नई नीति के नाम पर हाइड्रो सेक्टर में निवेश आने वाला था और जो लोग इस परियोजना में काम कर रहे थे, वे सभी वे हिमाचल प्रदेश सरकार से नाखुश हैं और छोड़ रहे हैं। ये हिमाचल प्रदेश के लिए बहुत बड़ा झटका है और बहुत ही दुःख की बात है। सुक्खू सरकार के फैसलों से लगातार फजीहत के बाद फजीहत हो रही है। सरकार की गारंटियों की वजह से ऐसा हो रहा है और न गारंटियां पूरी हो रही हैं, न ही दूसरे काम।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | On reports of Himachal Pradesh High Court attaching the Himachal Bhawan in Delhi, BJP spokesperson Pradeep Bhandari says, "Due to the 'khatakhat' politics and economics of Rahul Gandhi, High Court has directed that Himachal Bhawan be auctioned because the state… <a href=”https://t.co/C7JTxYvtXs”>pic.twitter.com/C7JTxYvtXs</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1858730141343781318?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 19, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि हिमाचल हाईकोर्ट का आदेश यह साबित करता है कि राहुल गांधी की खटाखट इकोनॉमी में ही गड़बड़ है। राहुल गांधी की अर्थशास्त्र के कारण हिमाचल प्रदेश के अंदर मुख्य सचिव को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि बचकानापन छोड़ें और थोड़ा विवेक रखें।