News Room Post

Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो प्रकरण में कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, लेकिन गुजरात सरकार से पूछे ये तीखे सवाल

नई दिल्ली। गत वर्ष विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुजरात सरकार ने रेप पीड़िता बिलकिस बानो के दोषियों को रिहा कर दिया था, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी को सवालों के कठघरे में खड़ा किया था। वहीं, पीड़िता सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस रिहाई के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां 12 दिनों तक सुनवाई हुई। वहीं, सुनवाई संपन्न होने के बाद आज इस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके अलावा कोर्ट ने आगामी 16 अगस्त तक गुजरात सरकार से दोषियों को दी गई रिहाई के संदर्भ में जारी किया गया मूल भाषा का परिपत्र मांगा है। हालांकि, गुजरात सरकार ने समय की कमी का हवाला देकर परिपत्र कोर्ट में सौंपने में असमर्थता जताई है। बता दें कि इस मामले में पीड़िता बिलकिस बानो के अलावा सुभाषिनी अली, महुआ मोइत्रा, मीरान चड्ढा बोरवणकर, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन विमेन और आसमां शफीक शेख ने अर्जियां डाल रखी हैं।

गुजरात सरकार की सिफारिश पर रिहा हुए थे दोषी

सनद रहे कि इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 11 को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसमें से एक दोषी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील दायर कर रिमिशन पॉलिसी के तहत रिहा करने की मांग की थी, लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। वहीं, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में गुजरात सरकार ही फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। इसके बाद गुजरात सरकार ने इस गंभीर विषय पर फैसला लेने के लिए एक कमेटी का गठन किया। वहीं, इस कमेटी ने इन 11 दोषियों को रिहा करने का फैसला किया। इसके बाद इस फैसले के विरोध में बिलकिस बानो सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। आइए, अब आगे आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।

जानें पूरा माजरा

27 फरवरी 2022 को दंगाइयों ने गोधरा स्टेशन पर साबरमती ट्रेन को आग के हवाले कर दिया था। इस ट्रेन में कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे। जिसमें 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। जिसके बाद पूरे गुजरात में हिंदू-मुस्लिमों के बीच दंगे भड़क गए थे। इस बीच जहां बिलकिस बानो और उनका परिवार छुपा हुआ था। वहां उन्मादी भीड़ ने आकर बिलकिस बानो के परिवार पर हमला कर दिया। भीड़ ने बिलकिस के परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था, लेकिन बाकी के 6 सदस्य अपनी जान बचाकर भाग गए। इस बीच उस वक्त 22 वर्षीय बिलकिस बानो के साथ उन्मादी भीड़ ने सामूहिक दुष्कर्म किया। जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा और सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। लेकिन, बीते वर्ष गुजरात विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए रिहा कर दिया गया था। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version