News Room Post

UP: बुंदेली धरती पर फसलों को अब मिलेगा भरपूर पानी, चार लाख से अधिक लोगों की प्यास भी बुझेगी

लखनऊ। बुंदेलखंड, शौर्य और संस्कार की धरती। यहां नदियां भी हैं और बड़े-बड़े जलाशय भी। बस नहीं था तो पानी, खासकर बारिश के पानी का बेहतर प्रबंधन। यही वजह थी कि यहां के खेत भी प्यासे रहे और लोग भी। आजादी के बाद पहली बार योगी सरकार ने इस विडंबना को दूर करने का गंभीरता से प्रयास किया।

इसमें अन्य परियोजनाओं के साथ अर्जुन सहायक नहर परियोजना की महत्वपूर्ण भूमिका है। करीब एक दशक पहले (2009-10) शुरू यह परियोजना शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पित हो जाएगी। इस परियोजना से न केवल बुंदेलखंड हरा-भरा होगा बल्कि महोबा, हमीरपुर और बांदा जिले की करीब 44381 हेक्टेयर भूमि भी सिंचित होगी। साथ ही 15104 हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना होगी। इसके अलावा कबरई बांध से महोबा को 20 मिलियन घन मीटर पेयजल भी उपलब्ध होगा। अर्जुन सहायक परियोजना चार लाख लोगों की प्यास बुझाएगी।

लाभान्वित होंगे 168 ग्रामों के 149755 किसान
वर्ष 2009 -10 में 850 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई अर्जुन सहायक परियोजना को वर्ष 2015 में पूरा होना था। पर, पहले की सरकारों द्वारा समय से धन न दिए जाने की वजह से न केवल परियोजना के पूरी होने में देरी हुई, बल्कि इसकी लागत बढक़र 2655.36 करोड़ रुपए हो गई। इस परियोजना से महोबा, हमीरपुर और बांदा के 168 ग्रामों के 149755 किसान लाभान्वित होंगे।

हर खेत को पानी के नारे को साकार कर रही योगी सरकार
प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “पर ड्राप, मोर क्रॉप” और “हर खेत को पानी” के नारे को साकार करने के लिए सरकार ने 2018 से इसके लिए जरूरत के अनुसार बजट आवंटित करना शुरू किया। साथ ही शासन स्तर से नियमित मॉनिटरिंग के बाद से इसके काम में तेजी आई। अपेक्षाकृत कम बारिश होने के कारण अक्सर सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड के लिए ऐसी परियोजनाएं जरूरत भी हैं। इसीलिए बुंदेलखंड पर योगी सरकार का सर्वाधिक फोकस भी है। अपनी इसी प्राथमिकता के मद्देनजर सरकार ने एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 के दौरान रसिन बांध परियोजना (चित्रकूट) बंडई बांध परियोजना (ललितपुर) को पूरा किया। इनसे क्रमशः संबधित जिलों की 2290 और 3025 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित हुई। पंप कैनाल (ललितपुर) के टॉप पर 2.50 क्षमता के सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन भी हो रहा है। आने वाले दिनों में बुंदेलखंड की कुलपहाड़ और शहजाद जैसी परियोजनाएं प्रदेश के लिए मॉडल बनेंगी। इनको स्प्रिंकलर सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। इनसे कम पानी में अधिक सिंचाई होगी और उपज भी बढ़ जाएगी।

इन परियोजनाओं का भी शुभारंभ करेंगे पीएम
– 54.28 करोड़ रुपये की लागत तथा महोबा जिले में 1050 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित करने वाली रतौली बांध परियोजना।

– 512.74 करोड़ रुपये की लागत तथा ललितपुर जिले में 3800 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित करने वाली भावनी बांध परियोजना।

– 18.24 करोड़ रुपये की लागत से हमीरपुर में 600 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित करने वाली मझगांव एवं चिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना।

-सिंचाई के अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग, खनिज विभाग, पर्यटन विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग महोबा की 24.13 करोड़ रुपये की लागत वाली 5 अन्य परियोजनाएं।

Exit mobile version