News Room Post

Action On Naxal Terror: छत्तीसगढ़ के सुकमा स्थित ऐतिहासिक मंदिर में 21 साल बाद फिर हो रही पूजा-पाठ, 2003 में नक्सलियों ने तोड़फोड़ और धमकी देकर करा दिया था बंद

सुकमा। नक्सलियों ने कई राज्यों में आतंकी गतिविधियां करना जारी रखा है, लेकिन अब सुरक्षाबल उनकी कमर तोड़ने में लगे हैं। ऐसा ही छत्तीसगढ़ के सुकमा में भी हुआ है। यहां नक्सलियों ने साल 2003 में एक मंदिर को तोड़-फोड़ दिया था। गांव के लोगों को उन्होंने धमकी दी थी कि इस मंदिर में कोई पूजा नहीं करेगा। अब सीआरपीएफ ने मंदिर को ठीक-ठाक कर एक बार फिर गांव के लोगों को सौंपा है। इससे गांववाले बहुत खुश हैं।

सीआरपीएफ की 74वीं कोर के कमांडेंट हिमांशु पांडेय ने बताया कि सुकमा के लाखापाल में बीते 14 मार्च को सीआरपीएफ ने अपना कैंप लगाया था। लाखापाल में ही केरलापेंडा गांव आता है। सीआरपीएफ ने देखा कि गांव में एक मंदिर टूटी-फूटी हालत में है। गांववालों ने बताया कि ये मंदिर ऐतिहासिक है और यहां साल में एक बार मेला भी लगता था। इसके बाद नक्सलियों ने यहां पूजा-पाठ बंद करा दिया। सीआरपीएफ के कमांडेंट ने और क्या बताया, ये सुनिए।

नक्सलियों की खौफ काफी रहा है। छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड के तमाम इलाकों में अब से 10 साल पहले तक नक्सली जहां चाहते थे, वहां कहर बरपाते थे और अपने विरोधियों की हत्या करते थे। अब सीआरपीएफ ने इन नक्सलियों को नेस्तनाबूद करने के लिए लगातार ऑपरेशन करना शुरू किया है। नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थित गांव के लोगों को साथ लेकर सीआरपीएफ लगातार अभियान चला रही है। नतीजे में नक्सलियों के हौसले पस्त हो रहे हैं। बीते दिनों ही छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ ने बड़ी तादाद में नक्सलियों को मार गिराया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बीते दिनों एलान किया था कि केंद्र में फिर सरकार बनने पर नक्सल समस्या को पूरी तरह खत्म किए जाने का कदम उठाया जाएगा।

Exit mobile version