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Manipur Violence: मणिपुर में फिर हिंसा के बाद इंफाल में कर्फ्यू, उपद्रवियों को पकड़ने के लिए पुलिस कर रही कॉम्बिंग

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इंफाल। मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की घटनाएं शुरू हो गई हैं। इंटरनेट बहाल होने के बाद 25 सितंबर को सोशल मीडिया पर दो युवकों के शवों की फोटो वायरल हुई थी। दोनों युवक जुलाई से लापता थे। इन फोटो के सामने आने के बाद जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं। थौबल जिले में उग्र लोगों ने बीजेपी के एक दफ्तर को आग लगा दी। वहीं, इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिले में हालात को काबू में करने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा है। केंद्र सरकार पहले ही 19 थाना इलाके छोड़ पूरे मणिपुर को अशांत क्षेत्र घोषित कर चुकी है। अशांत क्षेत्र वाले इलाकों में अफस्पा को अगले 6 महीने तक बढ़ाया गया है। इंटरनेट सेवा एक बार फिर 1 अक्टूबर तक बंद कर दी गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम एन. बीरेन सिंह से बात कर हालात की जानकारी ली और सख्त कार्रवाई के लिए कहा है।

युवकों के शवों की फोटो सोशल मीडिया में आने के बाद सिंग्जेई में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। पुलिस से उनकी झड़प हुई। इस दौरान गाड़ियों को फूंके जाने की खबर है। पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। झड़प में कई आम लोग और जवानों के घायल होने की खबर है। मणिपुर पुलिस ने बताया है कि एक नेता के घर पर हमले की कोशिश की गई। एक पुलिसकर्मी से हथियार छीने गए। मणिपुर पुलिस ने कहा है कि उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा। पुलिस हिंसा करने वालों को पकड़ने के लिए कॉम्बिंग कर रही है।

मणिपुर में इस साल 3 मई को मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा शुरू हुई थी। मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के मामले में राज्य सरकार को कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद हिंसा लगातार होती रही। हिंसा के दौरान ही कुकी समुदाय की 2 महिलाओं के साथ रेप किए जाने का वीडियो वायरल हुआ। जिसके बाद हालात और खराब हुए। बीते कुछ समय से मणिपुर शांत था, लेकिन अब युवकों के शवों की फोटो सामने आने के बाद यहां अशांति लौट आई है।

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