जमशेदपुर। नाबालिग को जिंदा जला देने और रेप के बाद हत्या की तमाम घटनाओं के बाद अब झारखंड एक बार फिर चर्चा में है। यहां के एक स्कूल में नकल रोकने के लिए टीचर ने दलित छात्रा के कपड़े उतरवा लिए। इससे छात्रा इतनी आहत हुई कि उसने खुद को आग लगा ली। छात्रा 80 फीसदी जल गई है। उसके बचने की उम्मीद कम है। घटना जमशेदपुर के साकची के शारदामणि गर्ल्स स्कूल की है। छात्रा नौवीं क्लास में पढ़ती है। छात्रा को आत्मदाह के बाद पहले एमजीएम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। हालात गंभीर देखकर उसे टीएमएच रेफर किया गया है।
झारंखड के जमशेदपुर में 9वीं कक्षा की छात्रा ने प्रबंधन द्वारा कपड़े उतरवाने पर आहत होकर किरोसीन छिड़ककर किया आत्महत्या का प्रयास।इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहा उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।#Jharkhand pic.twitter.com/zWCIYiYt1M
— Sohan singh (@sohansingh05) October 14, 2022
छात्रा के मुताबिक शुक्रवार को सोशल साइंस के इम्तिहान के दौरान स्कूल की टीचर चंद्रा दास ने सभी लड़कियों के सामने उसके कपड़े उतारकर तलाशी ली थी। इससे उसने अपमानित महसूस किया। उसने तय किया कि अब जान दे देगी। छात्रा के घरवालों के मुताबिक वो शाम को करीब साढ़े 4 बजे घर लौटी। काफी गुमसुम थी। उसने अपनी दो बहनों को दूसरे कमरे में भेज दिया। फिर अपने कमरे में जाकर खुद पर केरोसीन डाली और आग लगा ली। छात्रा ने डॉक्टरों को बताया कि उसके पास कोई नकल की चिट नहीं थी। उसे टीचर चंद्रा दास के कपड़े उतराने के लिए कहने पर बहुत शर्मिंदगी हुई।
घरवालों के मुताबिक छात्रा का पूरा शरीर जल गया है। किसी तरह आग बुझाकर उसे अस्पताल ले जाया गया। घर में छात्रा के अलावा उसकी तीन और बहने हैं। उसके पिता का निधन हो चुका है। मां मजदूरी कर घर चलाती है। वहीं, स्कूल की प्रिंसिपल गीता रानी महतो का कहना है कि आरोपी टीचर ने उनको बताया था कि ये लड़की नकल करती है। गीता के मुताबिक उन्होंने छात्रा को बुलाकर समझाया भी था। उन्होंने कपड़े उतरवाने के आरोपों के गलत होने का दावा किया। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। प्रिंसिपल के दावे के उलट छात्रा की सहेली का कहना है कि आरोपी टीचर का व्यवहार ठीक नहीं रहता। वो अक्सर मारपीट और गाली-गलौज तक करती हैं। इस लड़की के मुताबिक क्लास की 20 छात्राएं कपड़े उतरवाए जाने की घटना की चश्मदीद हैं।