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Danish Azad Ansari: मुस्लिम समाज में PM मोदी- CM योगी की कैसी है छवि, मंत्री दानिश अंसारी ने दिया बड़ा बयान

Yogi Adityanath, Modi and Danish

नई दिल्ली। 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद की शपथ ली। उनके साथ 52 मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें से 18 कैबिनेट और 14 राज्यमंत्री शामिल हैं और बाकी के मंत्रियों ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ ली थी। खास बात ये है कि पिछली बार की तरह इस मर्तबा भी योगी कैबिनेट में सिर्फ एक ही मुस्लिम चेहरे को शामिल किया गया। जिसमें दानिश अंसारी एकमात्र मुस्लिम मंत्री बनाए गए। आपको बता दें कि इससे पहले मोहसिन रजा योगी कैबिनेट में एकमात्र मुस्लिम मंत्री शामिल थे। लेकिन इस बार उन्हें योगी 2.0 में जगह नहीं दी गई। इस बार दानिश अंसारी को राज्यमंत्री का पद सौंपा गया है। यही नहीं, उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें उर्दू कार्यसमिति का अध्यक्ष भी बनाया गया था।

वहीं योगी सरकार का हिस्सा बने दानिश आजाद अंसारी ने बताया है कि मुस्लिम समाज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर लोगों की क्या राय है। इस पर उन्होंने बताया कि मुस्लिम समाज प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी को काफी पसंद करता है। इतना ही नहीं दानिश आजाद ने बताया कि मुसलमानों को भाजपा का काम काफी पसंद है।

उत्तर प्रदेश की नवगठित बीजेपी सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी ने पीटीआई-भाषा से वार्ता के क्रम में कहा,’ मुस्लिम समाज में विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व कांग्रेस का ‘भ्रम जाल’ अब टूट रहा है। वहीं, मु्स्लिमों समुदाय के जेहन में बीजेपी के प्रति खटास भरने वाले लोगों को चिन्हित करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘अब भाजपा को मुस्लिम समाज का प्यार मिल रहा है और मुस्लिम समाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति प्यार निरन्तर बढ़ रहा है, इस समाज में भाजपा के प्रति विश्वास जागृत हो रहा है।”

जानिए कौन हैं दानिश आजाद अंसारी

बता दें कि दानिश आजाद उन्हें योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है। वे एबीवीपी के कार्यकर्ता भी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बलिया से ग्रहण की है। इसके उपरांत उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु लखनऊ का रुख किया था। इससे पूर्व उन्हें वर्ष 2017 में उर्दू कार्यसमिति का अध्यक्ष बनाया गया था। यही नहीं, साल 2021 में उन्हें अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके थे।

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