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एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से मस्जिदों को किया जा सकता है सेनेटाइज, दारुल उलूम ने जारी किया फतवा

नई दिल्ली। कोरोना संकट में लागू हुए लॉकडाउन के पांचवें संस्करण में लोगों को राहत दी गई है लेकिन साथ ही सोशल डिस्टेंसिग का भी पालन करने को कहा गया है। 8 जून से देश के धार्मिक स्थल भी खुल गए हैं। इस दौरान ऐसे स्थलों को सेनेटाइज भी किया जा रहा है। इस बीच मस्जिदों को एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से सेनेटाइज करने को लेकर विरोध भी देखा गया है। अब दारुल उलूम की तरफ से फतवा जारी कर कहा गया है कि एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर को इस्तेमाल किया जा सकता है।

बता दें कि दारुल उलूम के फतवा विभाग से देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सवाल पूछे जा रहे थे कि क्या एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से मस्जिदों को सेनेटाइज किया जा सकता है। इसके बाद दारुल उलूम देवबंद की तरफ से जारी फतवे में कहा कि “एल्कोहल की अलग-अलग किस्म होती है। इसलिए मौजूदा वक्त में इस्तेमाल किया जा रहा सेनिटाइजर को इस्तेमाल करने में कोई गुरेज नहीं है।

दरअसल इससे पहले बरेली के आला हजरत ने एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर को हराम करार दिया था। जिसके बाद दारुल उलूम के इफ्ता विभाग की खंडपीठ ने कर्नाटक के बेंगलुरु निवासी समेत पाकिस्तान के लोगों द्वारा पूछे गए सवाल पर जारी फतवे में लोगों की शंकाओं का समाधान किया। इफ्ता विभाग की खंडपीठ ने दरगाह आला हजरत के फतवे को पलटते हुए कहा कि, दवाओं और सेनिटाइजर में इस्तेमाल होने वाला एल्कोहल गन्ने के रस एवं कई तरह की सब्जियों सहित पेट्रोल और कोयले सहित अन्य केमिकल से बनाया जाता है। इसलिए इस तरह के एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर को इस्तेमाल किया जा सकता है।

खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा कि सब्जी और गन्ने सहित पेट्रोल एवं कोयले के एल्कोहल से निर्मित सेनिटाइजर में भले ही इस एल्कोहल की मात्रा अधिक हो इससे मस्जिदों के फर्श को सेनिटाइज किया जा सकता है। वहीं मस्जिदों में प्रवेश के दौरान या वजू के बाद इसी सेनिटाइजर से हाथ भी साफ किए जा सकते हैं।

देवबंद के इफ्ता विभाग से नूर मोहम्मद क़ासमी बेंगलुरु, कर्नाटक के रहने वाले शख्स ने फतवा मांगा था जिसमें दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग के मुफ्तियों इकराम ने शरीयत के हवाले से फतवा जारी करते हुए कहा है कि मस्जिदों को सैनिटाइज किया जा सकता है। नूर मोहम्मद कासमी ने दारुल उलूम देवबंद से 5 बिंदुओं पर फतवा मांगा था जिसका जवाब दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग ने फतवा जारी करते हुए दिया है।

इसके अलावा मास्क लगाकर नमाज अदा करने का भी हुकुम है। दरअसल, आम हालात में मास्क लगाकर नमाज पढ़ना मकरुह है, लेकिन देश में कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी के चलते मास्क लगाकर नमाज अदा की जा सकती है।

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