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Rajasthan: आंकड़ों की हेराफेरी, 350 कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान कोरोना से मौत, सिर्फ 6 को मुआवजा

Corona Death

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में त्राहिमाम मचा रखा है। हालांकि अब धीरे-धीरे कोरोना के मामले कम हो रहे हैं लेकिन मौत का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है। इस सब के बीच कोरोना की ड्यूटी कर रहे कई कोरोना वॉरियर्स ने भी इस वायरस के संक्रमण की चपेट में आकर अपनी जान गंवाई है। लेकिन दैनिक भास्कर की एक Exclusive रिपोर्ट की मानें तो राजस्थान सरकार के द्वारा जारी कोरोना से कर्मचारियों की मौत में काफी घालमेल किया गया है। रिपोर्ट में यह तक दावा किया गया है कि कोरोनाकाल में अब तक 15 महीने के अंदर 350 के करीब कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई लेकिन इस के बीच ऐसा घालमेल किया गया कि केवल और केवल 6 लोगों को मुआवजा ही दिया गया।

इस रिपोर्ट में आंकड़े के साथ बताया गया है कि कोरोनाकाल के 15 महीने में राजस्थान के अलग-अलग सरकारी विभाग के 347 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। ये सभी कर्मचारी कोविड ड्यूटी में लगे थे। लेकिन सरकार अपने इन सभी कर्मचारियों की मौत कोरोना से नहीं मान रही।

इसको लेकर रिपोर्ट में जो वजह बताई गई है वह बेहद चौंकानेवाली है। इस पूरी रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मरनेवाले कर्मचारियों के डेथ सर्टिफिकेट में डॉक्टर इसे हार्ट अटैक, डायबिटीज या अन्य बीमारी बता रहे हैं। इस कारण सरकार ने कोविड ड्यूटी में कर्मचारी की मौत होने पर 50 लाख रुपए की सहायता का जो आदेश जारी किया था, उसका क्लेम अब तक सिर्फ 6 कर्मचारियों के परिजनों को ही मिल सका है।

15 माह तक दिन-रात ड्यूटी में लगे इन कर्मचारियों के परिवार को इस समय मदद की सबसे अधिक जरूरत है, लेकिन वेतन कटौती में तत्परता दिखाने वाली सरकार इन्हें अनुग्रह राशि देने के नाम पर सिर्फ फाइल आगे पीछे कर रही है।

इस रिपोर्ट की मानें तो अब तक 100 शिक्षक, 50 चिकित्साकर्मी अपनी जान गंवा चुके, इसके अलावा पशु चिकित्सक 23, बिजली कंपनियों के कर्मचारी 80, खान 6, सहकारिता 8, पुलिस से जुड़े 30 और अन्य विभाग के 50 कर्मचारी अपनी जान गंवा चुके हैं।

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