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BIG NEWS: यूपीए सरकार के दौरान रक्षा सौदे में ली गई थी दलाली, रॉबर्ट वाड्रा के कथित करीबी ने खोली पोल

कांग्रेस की यूपीए वाली केंद्र सरकार ने साल 2004 से 2014 तक देश पर राज किया। इस दौरान कई रक्षा घोटाले सामने आए। इनमें अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा और फ्रांस से स्कॉर्पीन पनडुब्बी सौदा भी शामिल है। अब एक मुकदमे से ये पोल खुल रही है कि वायुसेना के मिराज लड़ाकू विमानों के अपग्रेडेशन के मामले में भी दलाली ली गई।

sanjay bhandari

नई दिल्ली। कांग्रेस की यूपीए वाली केंद्र सरकार ने साल 2004 से 2014 तक देश पर राज किया। इस दौरान कई रक्षा घोटाले सामने आए। इनमें अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा और फ्रांस से स्कॉर्पीन पनडुब्बी सौदा भी शामिल है। अब एक मुकदमे से ये पोल खुल रही है कि वायुसेना के मिराज लड़ाकू विमानों के अपग्रेडेशन के मामले में भी दलाली ली गई। ये मुकदमा भी किसी ऐरे-गैरे ने नहीं किया है। जिस व्यक्ति ने फ्रांस की अदालत में मुकदमा किया है, उसका कथित तौर पर संबंध गांधी परिवार के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से हैं। इस शख्स का नाम संजय भंडारी है। भंडारी पर रक्षा सौदों में दलाली का आरोप पहले भी लगा है। अब ब्रिटेन से राजनीतिक शरण की गुहार लगाने के साथ ही संजय भंडारी ने फ्रांस में वहां की रक्षा सौदे करने वाली कंपनी थेल्स पर बकाया 11 मिलियन यूरो यानी करीब 92 करोड़ के कमीशन के बकाए के लिए मुकदमा किया है।

ये खबर ब्रिटेन के अखबार ‘डेली टेलीग्राफ’ ने छापी है। अखबार के मुताबिक संजय भंडारी थेल्स से बकाया रकम मांग रहा है और कंपनी का कहना है कि उस पर कोई बकाया नहीं है। भंडारी ने जो कोर्ट केस किया है, उसमें कहा है कि कंपनी पर उसका कमीशन बनता है। कमीशन की ही इस बात से लग रहा है कि भारत में रक्षा सौदे में दलाली का खेल खेला गया। भंडारी ने अपने मुकदमे में कहा है कि थेल्स ने भारतीय वायुसेना के मिराज विमानों के अपग्रेडेशन यानी उन्हें उन्नत बनाने के लिए ठेका हासिल करने के वास्ते उसे रखा था। उसका कहना है कि सौदा 2.4 बिलियन यूरो यानी करीब 20 करोड़ रुपए का था।

ब्रिटिश अखबार के मुताबिक संजय भंडारी ने कोर्ट में कहा है कि वो इस मामले में साल 2008 से ही जुड़ा हुआ था और थेल्स ने साल 2011 में सौदा हासिल करने के लिए समझौता किया। भंडारी ने कोर्ट में ये दावा भी किया है कि सौदा दिलाने के लिए उसने एक बड़े भारतीय अफसर से थेल्स के लोगों की मुलाकात भी कराई थी। उसने ये भी कहा है कि काम के एवज में थेल्स से उसे 20 मिलियन यूरो यानी करीब 167 करोड़ रुपए मिलने थे, लेकिन कंपनी ने सिर्फ 9 मिलियन यूरो यानी करीब 75 करोड़ रुपए ही उसे दिए। बता दें कि भंडारी ने खुद पर रक्षा सौदों की दलाली लेने का आरोप लगने के बाद साल 2016 में भारत छोड़ दिया था और अब पता चला है कि वो ब्रिटेन से राजनीतिक शरण मांग रहा है।

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