नई दिल्ली। शुक्रवार को पीएम मोदी ने लेह का दौरा किया था, इस दौरान पीएम मोदी ने गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुए हिंसक झड़प में घायल हुए जवानों से मुलाकात की। इस मुलाकात की जो तस्वीरें पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर शेयर की हैं, उसमें जवानों को न ड्रिप लगी थी, न ही उनके बेड के पास कोई चिकित्सा उपकरण थे। इसी को लेकर विरोधियों का कहना है कि पीएम मोदी फोटो खिचवा सकें इसके लिए अस्पताल का माहौल बनाया गया और फोटो खिंचवाने के लिए लोगों को बिठाया गया था।
क्या सवाल उठाए गए थे
पीएम मोदी और जवानों की मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे थे कि पीएम के दौरे को देखते हुए आर्मी के कॉन्फ्रेंस हॉल को वार्ड में बदला गया है। इन अफवाहों पर अब सेना ने अपनी तरफ से जवाब दिया है।
सेना की तरफ से क्या जवाब आया
सेना ने इन अफवाहों पर कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने 3 जुलाई को लद्दाख यात्रा के दौरान लेह के जनरल अस्पताल का दौरा किया था, उसे लेकर दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। सेना ने अपने बयान में कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सशस्त्र बलों का कैसे इलाज होता है, इस पर आक्षेप लगाए जा रहे हैं। सशस्त्र बल अपने जवानों का बेहतर इलाज देता है। इतना ही नहीं यह भी स्पष्ट किया गया है कि जहां जवानों को रखा गया है, वह 100 बिस्तरों की संकट विस्तार क्षमता का हिस्सा है और जनरल अस्पताल परिसर का ही हिस्सा है।
बयान में कहा गया है कि जख्मी जवानों को यहां तभी से रखा गया है, जब वे गलवान से आए थे। ताकि कोरोना प्रभावित इलाकों से आने के चलते उनका क्वारंटाइन पूरा हो सके। आर्मी चीफ एमएम नरवणे और आर्मी कमांडर ने भी इसी जगह का निरीक्षण किया था।
सेना ने कहा, कोरोना के चलते जनरल अस्पताल के कई वार्डों को आइसोलेशन फैसिलिटी में बदला गया है। आमतौर पर इस हॉल का इस्तेमाल ट्रेनिंग ऑडियो, वीडियो हॉल के लिए होता था, लेकिन कोरोना के बाद से इसे वार्ड में तब्दील किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा
दूसरी तरफ रक्षा मंत्रालय ने भी इस तरह की अफवाहों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय सेना अपने जवानों को सबसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाती है।
There have been malicious and unsubstantiated accusations in some quarters regarding the status of the facility visited by the Prime Minister Narendra Modi during his visit to General Hospital at Leh on July 03: Ministry of Defence pic.twitter.com/9HfTxENrDL
— ANI (@ANI) July 4, 2020
मंत्रालय की तरफ से इसपर कहा गया है कि, गलवान घाटी से वापस आने के बाद कोरोना वायरस के चलते घायल जवानों को क्वारंटाइन कर दिया गया था, जहां पर पीएम मोदी ने जवानों से मुलाकात की, वो 100 बेड की क्षमता वाला जनरल कांप्लेक्स है, जो जनरल अस्पताल का ही हिस्सा है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि, क्वारंटाइन में होने के कारण जवानों के पास चिकित्सा उपकरण नहीं दिख रहे थे। इसी परिसर में कुछ दिन पहले सेना प्रमुख ने भी घायल जवानों से मुलाकात की थी। ऐसे में ये बात बिल्कुल ही निराधार है कि पीएम मोदी से मिलवाने के लिए ठीक जवानों को बेड पर बैठाया गया था।