नई दिल्ली। दिल्ली के आबकारी घोटाले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है इसको लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया विवादों में घिरे हुए थे। बता दें कि दिल्ली का कथित शराब घोटाला ना सिर्फ अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए मुसीबत बन चुका है, बल्कि कानूनी लड़ाई का भारीभरकम बोझ भी सरकारी खजाने पर पड़ रहा है। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग का 2020-21में जहां वकीलों पर खर्च जहां शून्य था वहीं 2021-22 और 2022-23 (30 नवंबर तक) के बीच विशेष वकीलों को 25.25 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। अधिकतर भुगतान शराब घोटाले से जुड़े केसों में पैरवी के एवज में किया गया है। बता दें कि यह खबर समाज समाचार एजेंसी हिंदुस्तान टाइम्स के बाबत सामने आई है। दरअसल हिन्दुस्तान टाइम्स ने खर्च से जुड़े दस्तावेजों को जांचा है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की ओर से 2021-22 में एक नई आबकारी नीति का निर्माण किया गया था। 17 नवंबर 2021 में लागू हुए नए नियम को लेकर भाजपा ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। भाजपा ने घोटाले के आरोप लगाए। 23 जुलाई 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार की ओर से दाखिल रिपोर्ट पर सीबीआई जांच की सिफारिश की। सीबीआई के बाद ईडी ने भी केस दर्ज किया है। शराब घोटाले में दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री और आबकारी विभाग संभालने वाले मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं। हालांकि, कोर्ट में दायर किए गए दो चार्जशीट में उनका नाम नहीं है। ईडी ने अभी जांच जारी होने की बात स्वीकार की है।