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आंध्रप्रदेश के प्राचीन मंदिर में हुई तोड़फोड़, BJP ने जगन रेड्डी सरकार पर लगाया बड़ा आरोप, जानें पूरा माजरा

temple in pradesh

नई दिल्ली। यूं तो सोशल मीडिया की दुनिया में ऐसा बहुत कुछ वायरल होता है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन जाता है। अब इसी बीच ट्विटर पर अभी एक ट्विट संग तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिसे देखने के बाद लोग अपना रोष व्यक्त करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, लोगों के उभरते रोष के पीछे की वजह यह है कि यह तस्वीरें टूटी फूटी मंदिर की है। जिसमें देवी-देवताओं की ध्वस्त हो चुकी प्रतिमाएं भी दिखाई दें रहीं हैं। अभी कुछ दिनों पहले बांग्लादेश में भी हिंदू मंदिरों को तहस नहस करने का मामला सामने आया था। अब इस बीच जैसे यह तस्वीर ट्विटर पर वायरल हुई तो लोगों के बीच यह जानने की उत्तेजना अपने चरम पर पहुंच गई कि आखिर यह पूरा माजरा कहां का और उससे भी बड़ा सवाल की आखिर यह सब कुछ हुआ तो हुआ कैसे?

जानिए पूरा माजरा

पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी विधिवत जांच की गई है, जिसमें पता चला कि यह पूरा मामला आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के पाथपटनम इलाके का है, जहा इस प्राचीन मंदिर को सड़क चौड़ीकरण के नाम पर प्रशासन के निर्देश के परिणामस्वरूप ध्वस्त किया गया है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र था। पिछले कई दशकों से यह मंदिर यहां स्थापित था। यह मंदिर प्रदेश के प्राचीन मंदिरों की फेहरिस्त में शुमार है। इस मंदिर के ध्वस्त होने की खबर ने सूबे के सियासी अखाड़े की मिट्टी को एक बार फिर गरम कर दिया है। जिमसें कई सियासी सूरमा कूदते हुए नजर आ रहे हैं।

इसी बीच बीजेपी महासचिव और आंध्र प्रदेश के प्रभारी सुनील देवघर ने मंगलवार को इस प्रकरण को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी सरकार ने सड़की चौड़ीकरण करने के नाम पर प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करने का पाप किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार को सवालिया कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सड़क चौड़ीकरण की एक प्रक्रिया होती है, लेकिन प्रदेश सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया की अनदेखी की गई। बीजेपी महासचिव ने अपने बयान में कहा कि  मैं सरकार से मांग करता हूं कि जिन लोगों ने मंदिर को ध्वस्त करने का महापाप किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं, इस पूरे मसले को लेकर बीजेपी उस इलाके में अब आंदोलन कर चुकी है। अब सरकार के खिलाफ  मोर्चा खोलेंगे और सरकार के इस कृत्य का भरसक विरोध करेंगे।

बहरहाल, अभी यह तस्वीर सोशल मीडिया की दनिया में  काफी चर्चा में है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपना रिएक्शन देते हुए नजर आ रहे हैं। आमतौर ऐसा देखा जाता है कि जब विकास के नाम हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने से गुरेज नहीं किया जाता है, लेकिन इस पूरे माजरे में एक पहलू गौर फरमाने लायक है कि जब सड़की चौड़ीकरण की अपनी एक  अलग प्रक्रिया निर्धारित की गई है, तो  प्रदेश सरकार की तरफ से भला क्यों मंदिरों को ध्वस्त करने की शीघ्रता दिखाई गई। बीजेपी कुनबे में अभी यह सवाल अपने उफान है।  बाकी अब यह पूरा मामला आगे चलकर क्या रूख अख्तियार करेगा। यह तो समय तय करेगा।

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