नई दिल्ली। पंजाब में कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका नहीं ले रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं, क्योंकि पार्टी ने सीएम के भाई मनोहर सिंह को टिकट देने से इनकार कर दिया है। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बता दें कि पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। उम्मीदवारों की घोषणा होते ही पंजाब में कांग्रेस की कलह और बढ़ गई है। इसी बीच मनोहर सिंह ने रविवार को फतेहगढ़ साहिब जिले के बस्सी पठाना से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की घोषणा की, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को बरकरार रखा है।
Punjab | I was a contender for the Bassi Pathana seat, but the party(Congress) has denied the ticket. I will contest the election as an independent candidate, I did the same in 2007 and won the election: Dr Manohar Singh Bassi, brother of Punjab CM Charanjit Singh Channi pic.twitter.com/XuzQIXQolI
— ANI (@ANI) January 16, 2022
दरअसल, मुख्यमंत्री अपने भाई को पार्टी का टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे थे, जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में खरड़ के सिविल अस्पताल से वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद से चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के ‘एक परिवार, एक टिकट’ के नियम के कारण उनके दावे को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया था। यह भी पता चला है कि सिद्धू चन्नी के भाई को पार्टी की उम्मीदवारी आवंटित करने के पक्ष में नहीं थे और मनोहर ने सार्वजनिक रूप से टिकट के लिए दावा करने के बावजूद मौजूदा विधायक के पक्ष में एक रैली की।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने बताया कि चुनाव से पहले पार्टी आलाकमान चन्नी और सिद्धू के बीच शांति बनाने की कोशिश कर रहा है, दोनों नेताओं के बीच मतभेद बढ़ रहे हैं और चन्नी के परिजनों को टिकट न देने से यह और भी बढ़ जाएगा। टिकट नहीं दिए जाने से नाराज मनोहर ने मीडिया से कहा कि वह अपने भाई (चन्नी) से सुबह (रविवार) मिले और उनसे कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, “मेरा चुनाव लड़ने का फैसला जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप है।”