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Assam: अब हिमंत बिस्व सरमा के बयान से मचा बवाल, कहा अधिकतर धर्मों के अनुयायी हिंदुओं के वंशज

Assam: संवाददाता सम्मेलन में हिमंता बिस्व सरमा ने कहा, ‘‘हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है। मैं या कोई इसे कैसे रोक सकता है? लगभग हम सभी हिंदुओं के वंशज हैं।’’ वहीं आगे सरमा ने कहा, ‘‘हिंदुत्व को ‘‘हटाया’’ नहीं जा सकता क्योंकि इसका मतलब होगा ‘‘अपनी जड़ों और मातृभूमि से दूर जाना।’’

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अधिकतर धर्मों के अनुयायियों को हिंदुओं का वंशज बताया है। सरमा ने शनिवार को राज्य में उनकी सरकार का दूसरा महीना पूरा होने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है। इस दौरान उन्होंने ये दावा करते हुए कहा कि अधिकतर धर्मों के अनुयायी हिंदुओं के वंशज हैं। हिंदुत्व की शुरुआत 5,000 साल पहले हुई थी और इसे रोका नहीं जा सकता। सरमा के इस बयान के बाद से सियासी बवाल शुरू हो गया है।

बता दें, संवाददाता सम्मेलन में हिमंता बिस्व सरमा ने कहा, ‘‘हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है। मैं या कोई इसे कैसे रोक सकता है? लगभग हम सभी हिंदुओं के वंशज हैं।’’ वहीं आगे सरमा ने कहा, ‘‘हिंदुत्व को ‘‘हटाया’’ नहीं जा सकता क्योंकि इसका मतलब होगा ‘‘अपनी जड़ों और मातृभूमि से दूर जाना।’’

हिंदुत्व के साथ ही ‘‘लव जिहाद’’ के मुद्दे पर भी बिस्व सरमा ने अपनी राय देते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी महिला को धोखा देता है तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी, फिर चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम, सरमा ने कहा कि हमारी बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, उनके साथ न्याय करने के लिए ऐसे अपराधियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे। इस दौरान सरमा ने हिंदू लड़के की तरफ से हिंदू लड़की से बोले गए झूठ को भी जिहाद बताया और कहा कि हम इसके खिलाफ कानून लाएंगे।

विपक्ष द्वारा बयान की आलोचना पर कही ये बात

वहीं जब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से विपक्ष द्वारा उनके उस बयान के लिए आलोचना के बारे में पूछे जाने पर यह कहा कि विधायक कानून बनाने के लिए हैं और मंत्री निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए जिम्मेदार हैं, तो सरमा ने ये दावा करते हुए कहा कि भारत का संविधान यही कहता है। साथ ही विधानसभा में इस संबंध में ‘‘विधायक मंत्रियों से ऊपर होते हैं।’’

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