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UP: गौहत्या पर योगी सरकार की सबसे बड़ी कार्रवाई, अब तक इतने गौ हत्यारों को पहुंचाया सलाखों के पीछे

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की सत्ता पर आसीन होने के बाद से योगी सरकार गौहत्या पर लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा दिए गए तथ्यों की गहनता से जांच की और सरकार की प्रंशसा भी की है। बता दें कि हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। और गौरक्षा को हिंदुओं के मौलिक अधिकार में रखा जाए। कोर्ट के इस फैसले का सभी सियासी दलों ने समर्थन किया।  वहीं हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद भाजपा ने योगी सरकार द्वारा गौरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों का उदाहरण देते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। भाजपा का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के सत्ता पर आसीन होते ही अवैध बूचड़खाने बंद कर दिए गए और गौहत्या को प्रतिबंधित कर दिया गया।

खास बात ये है कि जब उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के आने के बाद से ही गौहत्या के खिलाफ आदेश केवल कागजों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि जमीनी स्तर पर भी इसे सख्ती से लागू किया गया। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तो यूपी सरकार द्वारा गौहत्यारों के खिलाफ की गई कार्रवाई को सही ठहराया। कोर्ट  ने कहा कि सच्चे मन से गाय की रक्षा की जाना चाहिए और उसकी देखभाल करने की भी आवश्यकता है। सरकार को भी इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

बता दें कि एक आंकड़े सामने आए है। उसके मुताबिक, योगी सरकार गौहत्या पर सख्ती से कार्रवाई की है। आंकड़े के अनुसार, 20 मार्च 2017 से 31 जुलाई 2021 तक यूपी सरकार ने 17 हजार से अधिक गौहत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। इतना ही योगी सरकार ने ऐसे 15 लोग हैं जिनके खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनकी कुर्की की है। बता दें कि यूपी के इतिहास में ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

आइए एक नजर डालते हैं आंकड़ों पर –

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