नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस के एक नेता अजीम पीर खादरी ने बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर को लेकर एक बड़ा ही विवादित दावा किया है। कांग्रेस नेता का कहना है कि बाबा साहेब इस्लाम धर्म अपनाना चाहते थे, उन्होंने कहा कि अगर बाबा साहेब बौद्ध धर्म को नहीं अपनाते तो वह निश्चित रूप में इस्लाम में शामिल होते। कांग्रेस नेता खादरी ने यह भी दावा किया कि बाबा साहेब अगर इस्लाम कबूल कर लेते तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हनुमंत गौढ़ा का नाम हसन और पार्टी नेता मंजूनाथ का नाम महबूब होता। उधर, बीजेपी ने इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा है कि आंबेडकर जी का अपमान करना ही कांग्रेस की पहचान है।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>'Ambedkar almost became Muslim, but he eventually became a Buddhist': Congress Leader Syed Azeempur's controversial statement on B. R. Ambedkar.<br><br>Complete Congress has accepted Islam…: <a href=”https://twitter.com/AcharyaPramodk?ref_src=twsrc%5Etfw”>@AcharyaPramodk</a> speaks to <a href=”https://twitter.com/SagarikaMitra26?ref_src=twsrc%5Etfw”>@sagarikamitra26</a><a href=”https://twitter.com/dpkBopanna?ref_src=twsrc%5Etfw”>@dpkBopanna</a> shares more details. <a href=”https://t.co/zOhBdrbLdh”>pic.twitter.com/zOhBdrbLdh</a></p>— TIMES NOW (@TimesNow) <a href=”https://twitter.com/TimesNow/status/1856203468383338628?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 12, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आंबेडकर जी के जीते जी चुनाव में हराकर उनका अपमान करना, फिर उन्हें भारत रत्न देने में देरी करना और संविधान की प्रस्तावना में बदलाव करना, अंबेडकर जी के विचारों को विकृत करना और अब उनके धर्म परवर्तन को लेकर इस तरह के सवाल उठाना यह कांग्रेस के असली चरित्र को उजागर करता है।
क्या कहते हैं जानकार?
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के धर्म परिवर्तन को लेकर बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने धर्म बदलने से पहले कई धर्मों का गहन अध्ययन किया था जिसमें से एक इस्लाम धर्म भी था। प्रयागराज स्थित गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर और आधुनिक इतिहास के जानकार बद्री नारायण के अनुसार बाबा साहेब इस्लाम धर्म की कई कुरीतियों के खिलाफ थे। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शम्सुल इस्लाम का कहना है कि बाबा साहेब कभी भी इस्लाम धर्म नहीं अपनाना चाहते थे क्यों कि उनका मानना था कि इस्लाम में भी जातिवाद हिंदू धर्म की तरह ही हावी है। इतना ही नहीं आंबेडकर इस्लाम में महिलाओं की स्थिति पर भी बहुत चिंतित थे। आजादी के बाद पाकिस्तान में दलितों का धर्म परिवर्तन हो रहा था मगर अंबेडकर उन्हें इस्लाम धर्म न अपनाने की सलाह दे रहे थे। दलितों को समाज में समानता का अधिकार दिलाने के लिए ही आंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था।