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Anand Mohan: ‘नीतीश सरकार आनंद मोहन की रिहाई पर फिर से करे विचार’, दिवंगत डीएम की पत्नी और बेटी की गुहार

anand mohan singh

पटना। बिहार के बाहुबली डॉन आनंद मोहन के रिहा होने का मामला तूल पकड़ रहा है। दलित समुदाय से आने वाले डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन को पहले फांसी और फिर उम्रकैद की सजा हुई थी। 16 साल जेल काटने के बाद आनंद मोहन आज तड़के सहरसा जेल से बाहर आ गए। आनंद मोहन की रिहाई के लिए कारा नियम बदलने के नीतीश सरकार के फैसले का दिवंगत डीएम की पत्नी उमा और बेटी पद्मा ने विरोध किया है। उमा और पद्मा ने मीडिया से कहा कि आनंद मोहन का रिहा होना उनके लिए दुख की बात है। वो बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील करेंगे।

दिवंगत डीएम की पत्नी उमा ने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को ऐसी चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सीएम से अपील करती हूं कि आनंद मोहन को वापस जेल भेजा जाए। उमा कृष्णैया ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई का जनता भी विरोध करेगी। ये एक गलत फैसला है। उमा ने कहा कि अगर आनंद मोहन चुनाव लड़ते हैं, तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए। बिहार सरकार के फैसले से सभी आईएएस और आईपीएस निराश हुए हैं। सरकार ने जिस तरीके से आनंद मोहन को जेल से बाहर किया, उसका कोई मतलब नहीं है।

डीएम जी. कृष्णैया और उनकी पत्नी उमा की फाइल फोटो।

वहीं, दिवंगत आईएएस जी. कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा कि बाहुबली आनंद मोहन का जेल से छूटना दुख की बता है। पद्मा ने भी सरकार के फैसले को गलत बताया। आईएएस की बेटी ने सरकार को फिर से फैसले पर विचार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मैं नीतीश कुमार से अनुरोध करती हूं कि वो दोबारा सोचें। सरकार ने गलत मिसाल कायम की है। ये परिवार नहीं, बल्कि देश के लिए अन्याय है। आनंद मोहन आज तड़के करीब 4.30 बजे सहरसा जेल से रिहा हो गए। उनकी इस तरह रिहाई पर ज्यादातर राजनीतिक दल विरोध नहीं कर रहे। सिर्फ लोजपा के चिराग पासवान ने इसे गलत बताया है।

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