News Room Post

Ayodhya Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratishtha: भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूजा के लिए समाज के विभिन्न वर्गों से 14 यजमान तय, काशी के डोमराजा भी शामिल

Ram Mandir

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या सज-धजकर तैयार है। अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की कल प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस अवसर पर दोपहर 12.05 बजे से पूजा शुरू होगी और फिर 12.30 बजे 84 सेकेंड के मुहूर्त में भगवान रामलला के नए विग्रह की आंखों से पट्टी हटाकर पीएम नरेंद्र मोदी उनकी प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इससे पहले पूजा के दौरान देशभर से 14 दंपतियों को बतौर यजमान शामिल किया गया है। यजमानों में काशी के डोमराजा भी होंगे। ये जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने दी।

सुनील अंबेकर के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा से पहले होने वाली पूजा के लिए समाज के विभिन्न वर्गों से आने वाले 14 दंपतियों को यजमान के तौर पर तय किया गया है। इनमें काशी के डोमराजा अनिल चौधरी भी शामिल हैं। उनके अलावा उदयपुर से रामचंद्र खरादी, असम से रामकुई जेमी, जयपुर से गुरचरण सिंह गिल, हरदोई से कृष्ण मोहन, मुल्तानी से रमेश जैन, तमिलनाडु से आदलरासन, महाराष्ट्र से विट्ठल कामनले, महाराष्ट्र के लातूर से घुमंतू समाज ट्रस्ट के महादेव राव, कर्नाटक से लिंगराज बसवराज, लखनऊ से दिलीप वाल्मीकि, वाराणसी से कैलाश यादव और कवींद्र प्रताप सिंह और हरियाणा के पलवल से अरुण चौधरी को भी यजमान बनाया गया है। ये सभी लोग अपनी पत्नी के साथ पूजा में शामिल होंगे।

भगवान रामलला का जो विग्रह राम मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के लिए स्थापित किया गया है, उसे कर्नाटक के मैसुरु के शिल्पकार अरुण योगीराज ने बनाया है। काले रंग के पत्थर से बनी रामलला की मूर्ति 5 वर्ष के बालक के स्वरूप में है। उनके हाथ में धनुष और तीर होगा। भगवान रामलला के नए विग्रह का वजन करीब 200 किलो है। इस नए विग्रह के साथ ही गर्भगृह में रामलला, उनके भाइयों के पुराने विग्रहों की भी रोज पूजा होगी। नए विग्रह को अचल और पुराने विग्रहों को चल का रूप देने का फैसला श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने किया है। गर्भगृह में नए और पुराने विग्रहों के अलावा बजरंगबली और शालिग्राम शिला की भी स्थापना होगी। आम भक्त 23 जनवरी यानी मंगलवार से राम मंदिर में भगवान के दर्शन और पूजन कर सकेंगे।

Exit mobile version