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Kaali: ‘मेरे लिए काली मांस और शराब पीने वाली’, पोस्टर विवाद TMC सांसद महुआ मोइत्रा का बयान, मचेगा बवाल

नई दिल्ली। हाल ही में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ का पोस्टर सामने आया था जिस पर जमकर बवाल देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पोस्टर को देखने के बाद से ही लोगों का इसे लेकर गुस्सा भड़का हुआ है। जो पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उसमें मां काली को  धूम्रपान करते हुए दिखाया गया है। इसके साथ ही मां काली के एक हाथ में lgbtq कम्युनिटी का झंडा भी है। मां काली के इस पोस्टर के सामने आने के बाद हिन्दू समाज गुस्से में है और वो फिल्मकार लीना के खिलाफ कड़े एक्शन की मांग कर रहे हैं। लगातार लोग उस पोस्टर के खिलाफ भी लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

जिस डॉक्यूमेंट्री फिल्म के पोस्टर पर बवाल हो रहा है उसकी फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई है। मां काली के रूप के इस पोस्टर के सामने आने के बाद लीना मणिमेकलई पर लोगों का भी जमकर विरोध किया जा रहा है। लीना पर पोस्टर के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया जा रहा है। लीना मणिमेकलई को गिरफ्तार करने की भी मांग की जा रही है। मामला पुलिस तक पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली समेत यूपी और मुंबई में इस फिल्म के पोस्टर को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताकर एफआईआर दर्ज कराई गई है। ‘काली’ के पोस्टर को लेकर छिड़े विवाद पर अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा भी कूद गई हैं। मोइत्रा ने लीना मणिमेकलई और पोस्टर का बचाव किया है।

क्या कहा महुआ मोइत्रा ने…

महुआ मोइत्रा ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर का बचाव करते हुए कहा, ”काली के कई रूप हैं. मेरे लिए काली का मतलब मांस प्रेमी और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। लोगों की अलग अलग राय होती है, मुझे इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है।” इसके आगे महुआ मोइत्रा ने कहा, आप अपने भगवान को किस तरह से देखते हैं। अगर आप भूटान और सिक्किम जाते हैं तो वहां सुबह पूजा में भगवान को व्हिस्की चढ़ाई जाती है, लेकिन अगर यही काम आप उत्तर प्रदेश हो जाए तो उसकी भावना आहत हो सकती है। मोइत्रा ने देवी काली खुद के लिए एक मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी के रूप में बताया है और साथ ही कहा है कि देवी काली के कई रूप हैं।

‘मुझे काली को मेरे हिसाब से देखने की आजादी’

इतना ही नहीं, मां काली का विवादित पोस्टर जारी करने वाली लीना मणिमेकलई का बचाव करते हुए मोइत्रा ने कहा, अगर आप तारापीठ जाते हैं तो वहां काली के मंदिर के पास साधु आपको स्मोकिंग करते हुए दिखाई देंगे और लोग ऐसी मां काली की पूजा भी करते हैं। हिंदू होते हुए भी मुझे मेरी मां काली को मेरे हिसाब से देखने की आजादी है और बाकी लोगों को भी होनी चाहिए। आपको अपने भगवान को अपने हिसाब से पूजा करने की आजादी होनी चाहिए। पूजा का अधिकार किसी भी तरह से पर्सनल स्पेस में रहना चाहिए। जब तक मैं आपके क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर रही हूं। मुझे नहीं लगता कि इसकी आजादी होनी चाहिए। मुझे मां काली के इस रूप से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।

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