नई दिल्ली। आमतौर पर परीक्षा के दौरान अतिरेक दबाव की वजह से कई बार विधार्थी गलत कदम उठा लेते हैं, जिसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों संग संवाद स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की। इसके लिए उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री छात्रों संग परीक्षा को लेकर संवाद करते हैं। उनकी समस्याओं का निदान और परीक्षा में किस तरह से प्रशंसनीय परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं, इसकी रूपरेखा भी प्रधानमंत्री छात्रों के बीच प्रस्तुत करते हैं, जिसे देखते हुए यह कार्यक्रम देश के साथ-साथ विदेशों में भी खासा लोक्रपिय हो रहा है।
आपको बता दें कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों संग संवाद किए। पीएम मोदी ने ना महज उनकी समस्याओं को सुना, बल्कि उसके समाधान की रूपरेखा भी छात्रों के बीच प्रस्तुत की। इस बीच एक छात्र ने पीएम मोदी से एक राजनीतिक सवाल पूछ लिया, जिसे लेकर अभी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गुलजार हो चुका है। यही नहीं, राजनीतिक गलियारों में अब इस सवाल को आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर सवाल क्या था?
दरअसल, एक छात्र ने प्रधानमंत्री से पूछा कि आप विपक्षियों की आलोचना को कैसे लेते हैं, जिस पर उन्होंने बड़ा तार्किक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखने के लिए आलोचना अपिहार्य है। आलोचना लोकतंत्र को शुद्ध बनाए रखती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में आरोप भी लगाए जाते हैं, लेकिन मैं यहां एक बात कहना चाहता हूं कि आपको आरोप नहीं, बल्कि आलोचना को गंभीरता से लेना चाहिए, चूंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आलोचना किसी भी राजनेता को परिपक्व बनाती है। इस बीच पीएम मोदी ने संसद का हवाला देते हुए कहा कि संसद में जब कोई हमारा सांसद अच्छी तैयारी करके आता है, लेकिन अगर उसे कोई टोक देता है, तो वो विचलित हो जाता है, क्योंकि वह विपक्षियों पर ध्यान देना शुरू कर देता है, इसलिए अपने मूल मकसद से भटक जाता है। लिहाजा एक राजनीतिज्ञ के तौर पर आपके लिए यह जरूरी हो जाता है कि आप दूसरों की बात पर नहीं, बल्कि अपने उद्देश्य पर ध्यान दें।
#WATCH दिल्ली: परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बच्चों से मिले और उनसे बातचीत की।
(सोर्स: डीडी न्यूज़) pic.twitter.com/r15wcyWS3y
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2023
इस दौरान पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा को लेकर अपने निजी अनुभव भी सार्वजनिक किए। उन्होंने कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान मुझे छात्रों संग संवाद का मौका मिलता है, जिससे मुझे आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब आप बतौर छात्र अच्छा करते हैं, तो आपसे उम्मीदें बढ़ जाती हैं, लेकिन कई बार यह उम्मीदें आपके ऊपर दबाव का काम करती है, जिनसे आपके गुरेज करना है। दबाव से निपटने के लिए आप दूसरी गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री प्रतिवर्ष निकट परीक्षा के दृष्टिगत छात्रों संग संवाद स्थापित करने हेतु ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन करते हैं, जिसमें छात्र और अभिभावक शामिल होना सौभाग्य समझते हैं।