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SCO FM Meeting: एससीओ की बैठक में आ रहे पाक के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को भारत ने दिखाया ठेंगा, जयशंकर नहीं करेंगे अलग से बैठक

s jaishankar and bilawal bhutto zardari

गोवा। आज से गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की विदेश मंत्रियों की बैठक होने जा रही है। इसमें एससीओ के सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर बैठक से पहले ही बुधवार को गोवा पहुंच गए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और चीन के विदेश मंत्री चिन गांग भी एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने गोवा पहुंच रहे हैं। खास बात ये है कि विदेश मंत्री जयशंकर, चीन के विदेश मंत्री से तो अलग से बैठक करने वाले हैं, लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ कोई बैठक नहीं करेंगे।

ऐसे में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को अपने देश के लिए बिना कुछ हासिल किए ही अपने वतन लौटना पड़ेगा। पाकिस्तान की माली हालत बहुत खस्ता है। वहां महंगाई चरम पर है। लोगों को आटा तक नहीं मिल रहा है। विदेशी संस्थाओं आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक ने कर्ज देने के लिए कड़ी शर्ते पीएम शहबाज शरीफ की सरकार के सामने रखे हैं। ऐसे में अगर पाकिस्तान को ये उम्मीद रही होगी कि बिलावल भुट्टो जरदारी के गोवा पहुंचने से भारत का मन कुछ पिघलेगा और वो मदद करेगा, तो ये उम्मीद पूरी तरह खत्म ही समझी जा सकती है।

चीन के विदेश मंत्री चिन गांग के साथ एस. जयशंकर।

अगर चीन के विदेश मंत्री चिन गांग से जयशंकर की मुलाकात के बारे में समझें, तो पहले भी दिल्ली में दोनों के बीच कुछ वक्त पहले बैठक हो चुकी है। एक बार फिर चीन के विदेश मंत्री और जयशंकर को आज शाम अलग से बैठक करनी है। दोनों देशों के बीच लद्दाख और एलएसी पर तनाव का ही मुद्दा इस बैठक में भी उठने वाला है। सूत्रों के मुताबिक चिन गांग से विदेश मंत्री जयशंकर एलएसी पर तनाव को खत्म करने के लिए चीन की फौजों को दोनों देशों के बीच पुराने समझौतों को मानते हुए पीछे ले जाने को कहेंगे। चीन की फौजें पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक पर 2013 से ही काबिज हैं। इसके अलावा भारत-चीन के बीच 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद से लद्दाख से अरुणाचल तक एलएसी पर तनाव काफी बढ़ा हुआ है।

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