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Jammu & Kashmir: धारा 370 के खत्म होने का असर!, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के शारदा मंदिर में आजादी के बाद पहली बार हुई पूजा

नई दिल्ली। तारीख थी 5 अगस्त 2019, जब केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था, तब इसकी चर्चा देश-दुनिया में खूब हुई थी। इस अनुच्छेद के निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर भी अन्य राज्यों की जैसी स्थिति में आ गया, जहां कोई भी जाकर अपने लिए मकान, दुकान खरीद सकता था, अन्यथा इससे पहले यहां की स्थिति थोड़ी अलग थी। वहीं, सरकार के इस फैसले की वजह से आतंकवाद की भी कमर टूटी जिसकी तासीर अब भी देखने को मिल रही है।

अभी-भी कश्मीर के कई इलाकों में आतंकवाद का काला साया मंडरा रहा है, लेकिन सेना ने संकल्प लिया है कि जल्द ही इसे भी खत्म कर पूर्ण रूप से शांति स्थापित की जाएगी। हालांकि, घाटी में आतंकवाद मरणासन्न अवस्था में पहुंच चुका है। वहीं, जल्द ही इसके शेष सल्तनत को भी खत्म कर दिया जाएगा। उधर, चैत्र नवरात्रि के मौके पर जम्मू-कश्मीर से एक ऐसी सुखद तस्वीर सामने आई है, जिससे अवगत होने के बाद आप राहत की सांस जरूर लेंगे। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, आजादी के सात दशकों के बाद आज तक जम्मू-कश्मीर में चैत्र नवरात्रि के मौके पर मंदिर में जाकर पूजा करने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई थी, लेकिन इन बेड़ियों को तोड़ते हुए नवरात्रि के मौके पर मंदिरों की घंटियों की आवाज गूंजी जिसे जिसने भी सुना…उसकी आंखें नम हो गईं…यह महज मंदिरों के घंटी की आवाज नहीं, बल्कि यह पैगाम था उन आतंकियों के लिए है कि अब तुम्हारे संपूर्ण खात्मे का समय आ चुका है। लिहाजा अपनी हदों में रहना सीख जाओ अन्यथा आगामी दिनों में इससे भी ज्यादा बुरे दिनों से पाला पड़ सकता है।

उधर, इस घटना का जिक्र खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी किया है, जिसमें उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह गहन आध्यात्मिक महत्व की बात है कि 1947 के बाद पहली बार इस वर्ष कश्मीर के ऐतिहासिक शारदा मंदिर में नवरात्रि पूजा आयोजित की गई है। वर्ष की शुरुआत में चैत्र नवरात्रि पूजा मनाई जाती थी और अब शारदीय नवरात्रि पूजा के मंत्र मंदिर में गूंजते हैं। मैं भाग्यशाली था कि 23 मार्च 2023 को जीर्णोद्धार के बाद मंदिर को फिर से खोला गया। यह न केवल घाटी में शांति की वापसी का प्रतीक है, बल्कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारे देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक लौ के फिर से प्रज्वलित होने का भी प्रतीक है।

सनद रहे कि 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। केंद्र सरकार का यह ऐतिहासिक कदम खासा सुर्खियों में रहा था, जिस पर खूब राजनीतिक चर्चागोशी हुई थी। इतना ही नहीं, कई विपक्षी दलों ने तो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने आखिर में केंद्र सरकार के पक्ष में ही फैसला सुनाया था।

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