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क्या दिल्ली में छायेगा बिजली संकट? टाटा पावर लिमिटेड के इस मैसेज से ‘अंधकार’ का डर गहराया

kejriwal and electricity problem

नई दिल्ली। दिल्लीवासियों अगर आप भी बेहिसाब बिजली खपत करते हैं, तो संभल जाइए, नहीं तो वो दिन दूर नहीं, जब राजधानी दिल्ली चौतरफा अंधियारे की जद में आ जाएगी। टाटा पावर लिमिटेड की तरफ से बिजली की कमी को ध्यान में रखते हुए संभल कर बिजली का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है। टाटा ने अपने मैसेज में कहा कि, ‘जेनरेशन प्लांट में कोयले की सीमित मात्रा को ध्यान में रखते हुए राजधानी दिल्ली में दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक बिजली बाधित होने की संभावना है, इसलिए आप एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते बिजली का उपयोग संभल कर करें अन्यथा आने वाले दिनों में आपको बिजली की कमी का सामना करना पड़ सकता है’।

बता दें कि कुछ दिनों पहले राजधानी दिल्ली में कोयले की कमी की बात कही थी, जो अब चरितार्थ होते हुए दिख रही है, इसलिए अगर आप भी बेहिसाब मात्रा में बिजली खपत करते हैं, तो अपनी इस आदत से आज ही तौबा करिए। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर बिजली की कमी का सामना क्यों लोगों को करना पड़ रहा है।

बिजली की खपत बढ़ी

कोरोना काल में जिस तरह से देश की अर्थव्यवस्था एकदम से थम-सी गई, उसे देखते हुए सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने के लिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसकी वजह से भी बिजली की खपत बढ़ी है।

कोरोना काल भी रहा वजह

इसके अलावा कोरोना काल में जिस तरह से लोगों के बीच घर से ही सारे कामों को संपन्न करने की प्रणाली शुरू हुई है, उससे भी बिजली की खपत बढ़ी है। एक आंकड़े के मुताबिक, साल 2019 की तुलना में साल 2020 में बिजली की खपत काफी मात्रा में बढ़ी है, जिसकी वजह से अब बिजली संकट का पैदा हो रहा है।

भारी बारिश भी रहा वजह

भारी बारिश भी बिजली संकट की मुख्य वजह रहा है, क्योंकि कोयला खदानों में भारी बारिश की वजह से पानी भर गया है, जिसकी वजह से बिजली उत्पादन की प्रक्रिया अब पूरी तरह से बाधित हो चुकी है।

दूसरे देशों को कोयला आयात करना भी रहा वजह

इसके अलावा भारत ने अपने देश की आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के बाबत दूसरे देशों में कोयले का आयात करना शुरू कर दिया है। वहीं, कोरोना काल में सरकार की तरफ से अधिक मात्रा में कोयला आयात किया गया, जिसके दुष्परिणाम अब हमें बिजली संकट के रूप में देखने को मिल रहे हैं। बता दें कि इससे पहले चीन में भी बिजली संकट देखा गया था, जिसकी वजह से वहां की अर्थव्यवस्था ठप हो चुकी थी। इसके अलावा अब राजधानी दिल्ली समेत अन्य राज्यों में भी बिजली संकट अपने चरम पर पहुंच चुका है।

फिलहाल सरकार इस पर विराम लगाने की दिशा में अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। अब ऐसे में आगे चलकर सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों के क्या कुछ असर निकलकर सामने आते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

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