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J&K Encounter: कठुआ के पहाड़ी क्षेत्र में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, घने जंगलों का फायदा उठा रहे हैं आतंकी

नई दिल्ली। चार महीने की शांति के बाद, जम्मू-कश्मीर के दूरदराज बने पहाड़ी क्षेत्र में आतंकवाद ने फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। रविवार को दोपहर लगभग 3 बजे बनी के डग्गर स्थित नुकनाली में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई, जो अब तक जारी है। दोनों पक्षों द्वारा करीब 100 राउंड फायरिंग की जा चुकी है। हालांकि, बीच-बीच में फायरिंग रुक-रुक कर हो रही है। आतंकी घने जंगलों का लाभ उठाते हुए छिपे हुए हैं, जिससे मुठभेड़ लंबे समय तक खिंचती नजर आ रही है।

चुनावी सतर्कता के बावजूद आतंकी गतिविधियां जारी

जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पिछले कुछ दिनों में जम्मू सांबा कठुआ पुलिस रेंज के डीआईजी ने इस क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने स्थानीय पुलिस को विशेष गश्त और अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। इसी आदेश के तहत बनी पुलिस विशेष गश्त पर निकली थी, जब उनकी आतंकियों से मुठभेड़ हो गई। हालांकि, मुठभेड़ में किसी प्रकार की हानि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।

पिछले दो सप्ताह से आतंकियों की गतिविधियां तेज

सूत्रों के अनुसार, पिछले दो सप्ताह से बनी क्षेत्र से सटे बसंतगढ़ और डोडा की पहाड़ियों में आतंकी गतिविधियों की सूचनाएं लगातार आ रही थीं। बसंतगढ़ और डोडा में हाल ही में मुठभेड़ भी हुई थीं, जिनमें कई आतंकी मारे गए थे और सुरक्षाबलों के कई जवानों ने भी बलिदान दिया था। इस कारण से सुरक्षाबल लगातार सतर्क थे और इलाके की निगरानी कर रहे थे।


नुकनाली में देखी गई आतंकियों की हलचल

रविवार की दोपहर के बाद अचानक डग्गर के नुकनाली क्षेत्र में 2-3 आतंकियों की हलचल देखी गई। इसके बाद सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए फायरिंग की, जिसका जवाब आतंकियों ने भी गोलियों से दिया। यह मुठभेड़ अब तक जारी है और इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

अप्रैल में भी देखे गए थे आतंकी

यह वही क्षेत्र है जहां अप्रैल के अंत में 6 आतंकियों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। उस समय इलाके के बकरवालों ने बताया था कि आतंकी उनके डेरे पर हमला करके उनकी भेड़ों को मारकर खा गए थे। अगले दिन भी आतंकियों को उसी क्षेत्र में देखा गया था, जिसके बाद से सेना ने इलाके में चौकसी बढ़ा दी थी।

दुर्गम क्षेत्र और घना जंगल बना चुनौती

इस पहाड़ी और घने जंगल वाले क्षेत्र में आतंकियों के लिए छिपने के अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं। दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगल के कारण सुरक्षाबलों को उन्हें पकड़ने में कठिनाई हो रही है। मौसम भी आतंकियों के छिपने के लिए अनुकूल बना हुआ है, जिससे मुठभेड़ लंबी खिंच रही है।

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