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उइगर मुसलामानों को किस तरह टॉर्चर करता है चीन, पूर्व चीनी पुलिस अधिकारी ने खोली पोल

नई दिल्ली। चीन अपने यहाँ रह रहे उइगर मुस्लिमों पर किस तरह अत्याचार करता है इससे जुड़ी खबरें आपने सुनी और पढ़ी होंगी। कई बार चीन के इस अत्याचार की सच्चाई सामने आ चुकी है। चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलामानों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जाता है। ये बात अब पूरी दुनिया जान चुकी है। हाल ही में चीन का एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने अब जो खुलासे किये हैं वो बेहद चौंकाने और भयभीत कर देने वाले हैं। ख़बरों की मानें तो पूर्व पुलिस अधिकारी होने का दावा करने वाले एक चीनी व्हिसलब्लोअर ने बताया कि चीन में उइगर मुसलमानों के साथ किस तरीके का व्यवहार किया गया।

‘उइगर मुसलामानों को ट्रेनों में भरकर ले जाया गया’  

ब्रिटिश न्यूज चैनल स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हिसलब्लोअर ने कहा कि चीन के अन्य हिस्सों से उइगरों को शिनजियांग लाने के लिए मालगाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था। उसने कहा कि होंठों को नम करने और भोजन नहीं करने के लिए केवल बोतल के ढक्कन के साथ, लगभग 500 जातीय अल्पसंख्यकों को एक बार में फ्रेट स्टेशनों से प्रत्येक गाड़ी में 100 से अधिक यात्रियों के साथ ले जाया जाता है।

इतना ही नही जियांग नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि “हम उइगर मुसलमानों एक साथ इकट्ठा करते हैं, उनके सिर पर हुड लगाते हैं, दो लोगों को एक साथ हथकड़ी पहनाते हैं, ताकि उन्हें भागने से रोका जा सके।शान्ति बनाए रखने के लिए, हम उन्हें शौचालय में जाने नहीं देते हैं। वे दो दिनों में अपने गंतव्य स्थान शिनजियांग पहुंचते हैं,”

‘आँखों पर पट्टी,सिर टकला कर ट्रेनों से उतारा गया’ 

हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, जियांग ने 2019 के एक ड्रोन फुटेज के बारे में भी बात की. उसने बताया कि आंखों पर पट्टी बांधकर और उइगर कैदियों को ट्रेन से उतारते हुए देखा गया उनके सिर मुडाया हुआ था। उसने बताया कि क्लिपिंग को देखने के बाद सबसे अधिक संभावना है कि बंदियों(मुलसमानों) को उनकी अलग वर्दी का कारण ये हो सकता है कि विभिन्न केंद्रों से एक बड़ी केंद्रीय सुविधा में स्थानांतरित किया जा रहा है। जियांग ने स्काई न्यूज को बताया कि एक सैनिक के रूप में सेवा करने के बाद एक स्थानीय सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो में उसने जासूस के रूप में काम किया।

चीन कानून से चलने वाला देश है-चीनी सरकार के प्रवक्ता 

हालांकि, बीजिंग में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चीनी सरकार से इसके बारे में पूछा गया तो आरोपों को इनकार कर दिया गया। शिनजियांग सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि “तथाकथित स्थानीय पुलिसकर्मी के खुलासे सच नही हैं”। “चीन कानून से चलने वाला देश है। पुलिस प्रासंगिक पीआरसी कानूनों के अनुसार अपराधों को संभालती है और कार्रवाई करती है। लोगों को अवैध रूप से कैद करना और एक बयान के लिए लोगों को प्रताड़ित करना मना है। पुलिस को सभी संदिग्धों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। इसलिए आदमी द्वारा कही गई बातें कि उन्हें (मुसलमानों को)शौचालय नहीं जाने दिया और उनके पास पीने के लिए पानी नहीं था, ये पूरी तरह असत्य है।” चीनी सरकार की प्रवक्ता एलिजान अनायत ने ये बातें रिपोर्ट में कहा था।

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