नई दिल्ली। मालदीव में जब से मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति बने हैं, तभी से भारत के साथ तनातनी बढ़ गई है। इसकी वजह मोहम्मद मुइज्जू का चीन से करीबी होना है। मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाने के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था और जीतने के बाद उन्होंने इस दिशा में कदम उठाया। मोहम्मद मुइज्जू के इन्हीं कदमों का मालदीव के विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। अब मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने इस बारे में चिंता जताते हुए अपने देश के लोगों की तरफ से भारत से माफी मांगी है।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भारत के दौरे पर हैं। एएनआई की खबर के मुताबिक नशीद ने कहा कि भारत से तनाव के कारण मालदीव पर बहुत असर पड़ा है और इसे लेकर वो चिंतित हैं। नशीद ने कहा कि मालदीव के लोगों को खेद है कि ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं भारत के लोग छुट्टियां मनाने मालदीव आएं। उनकी मेहमान नवाजी में कोई अंतर नहीं पड़ेगा। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने दबाव डालने की जगह राजनयिक स्तर पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। भारत ने मालदीव की बाहें नहीं मरोड़ीं। कोई ताकत भी नहीं दिखाई।
मोहम्मद नशीद ने चीन और मालदीव के बीच हाल में हुए रक्षा समझौते पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मोहम्मद मुइज्जू चीन से रबर की गोलियां और आंसू गैस खरीदना चाहते हैं। सरकार ने सोचा कि आंसू गैस और रबर की गोलियों की जरूरत है। नशीद ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार बंदूक से नहीं चलती। बता दें की भारत ने मालदीव के साथ वहां के समुद्र का हाइड्रोग्राफिक सर्वे करने का समझौता किया था। इसके अलावा मालदीव के लोगों की मदद के लिए हेलीकॉप्टर भी मुहैया कराया था, लेकिन मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से कहा कि वो अपनी सेना के जवानों को इस साल मई तक वापस बुला ले। इसके अलावा मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनते ही पहला दौरा चीन का किया। जबकि, इससे पहले मालदीव के नए राष्ट्रपति हमेशा पहले भारत का दौरा करते रहे हैं।