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Explainer on G20 Summit: जी-20 की अगले महीने दिल्ली में है शिखर बैठक, जानिए आखिर इस संगठन से भारत को क्या है फायदा

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली 8, 9 और 10 सितंबर को बड़े कार्यक्रम की गवाह बनने जा रही है। इन तीन तारीखों को दिल्ली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन होना है। भारत को 1 दिसंबर 2022 को जी-20 का अध्यक्ष चुना गया था। भारत इस साल नवंबर तक इस संगठन का अध्यक्ष रहेगा। आप लोगों में से तमाम लोग जरूर जानना चाहते होंगे कि आखिर जी-20 देशों का संगठन है क्या और इसमें शामिल होने से भारत का क्या फायदा है। तो चलिए आपको बताते हैं कि जी-20 संगठन कब बना और दुनिया में इस संगठन का क्या असर है।

जी-20 यानी दुनिया के 20 बड़े देशों का संगठन। इसका गठन 1999 में किया गया था। जब जी-20 बना, तब इसके सदस्य देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक (जैसे भारत का रिजर्व बैंक) के गवर्नर इसकी बैठक करते थे। जी-20 की पहली बैठक 1999 में बर्लिन में हुई थी। जी-20 देश तब और सक्रिय हुए, जब साल 2008 में दुनियाभर में मंदी ने हाहाकार मचा दिया। मंदी का दौर खत्म होने के बाद जी-20 के शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष शामिल होने लगे। तभी से ये परंपरा चल रही है। मंदी के दौर में साल 2008 में अमेरिका के वॉशिंगटन में शिखर बैठक हुई थी।

साल 2009 और 2010 में दो बार जी-20 देशों की बैठक हुई थी। 2009 में लंदन और पिट्सबर्ग और साल 2010 में टोरंटो और सियोल में जी-20 की बैठक की गई थी। इसके बाद से ये शिखर बैठक हर साल होती है। जी-20 के सदस्य देशों में भारत तो अहम है ही, इसके अलावा अमेरिका, रूस, चीन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, इटली, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, सऊदी अरब और दक्षिण अफ्रीका भी इसके सदस्य हैं। इस संगठन में भारत का होना क्यों जरूरी है, ये इसी से समझा जा सकता है कि जी-20 देश मिलकर दुनिया की कुल जीडीपी का 80 फीसदी हासिल करते हैं। पूरी दुनिया में जितना भी कारोबार होता है, उसका 75 फीसदी इसी संगठन के सदस्यों में भी होता है। अगर आबादी की बात करें, तो दुनिया की दो-तिहाई आबादी जी-20 देशों में ही रहती है। जिसमें भारत और चीन की आबादी सबसे ज्यादा है। अब भारत की बात करते हैं। दरअसल, भारत इस संगठन का अहम देश हो गया है। दुनिया में भारत 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। यहां कारोबार और निवेश से अन्य देश बहुत फायदा उठाते हैं। पिछले 9 साल में दुनिया में भारत की धाक बढ़ी है। अन्य देश उसकी बात पर गौर करते हैं। ऐसे में जी-20 का सदस्य होने से भारत को अपने यहां निवेश और निर्यात के बड़े अवसर जी-20 ने उपलब्ध कराए हैं।

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