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FabIndia के ‘जश्न-ए-रिवाज’ ऐड कैंपेन ने उड़ाया दीपावली का माखौल, ट्विटर पर छिड़ा संग्राम

FAB INDIA AND DIWALI

नई दिल्ली। कुछ लोग हमारी सांस्कृति व रीति रिवाजों के मूल आकार से खिलवाड़ करते हुए उसे नया आकार देने का दुस्साहस करते हैं, जिसे अगर आज हमने नजरअंदाज कर दिया तो हमारी आने वाले नस्ले अपनी मूल संस्कृति के मूल आकार से अनिभिज्ञ रह जाएंगी और इसके जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि हम खुद ही रहेंगे, लिहाजा हमें चाहिए कि अगर वर्तमान में कोई व्यक्ति या संस्था ऐसी कोशिश करता है, तो जरूरी है कि उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाए। आपको याद दिला दें कि कुछ ऐसी ही कोशिश फेब इंडिया की तरफ से की गई है, तो बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या ने बखूबी मोर्चा संभालते हुए फेब इंडिया को आइना दिखाया है और आगे ऐसी किसी भी कोशिश से बचने की हिदायत दी है।

आपको बताते चले कि फेब इंडिया ने दिवाली के मद्देनजर बाजार में कुछ अपने ब्रांड के नए पोशाक लेकर आई, जिसको प्रचारित करने के लिए उसने दीवाली के संदर्भ में कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसे लेकर अब आपत्ति जताई जा रही है। फेब इंडिया ने दीवाली के लिए जिसे हम और आप दीपों का त्योहार बताते हैं। प्रकाश का उत्सव बताते हैं। उसे इस फेब इंडिया ने जश्न-ए-रीवाज बताया है। मतलब…साफ है कि फेब इंडिया ने इसके मूल आकार के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर इसे एक अलग सूरत देने का प्रयास किया है। जिसे हम और आप दीपो उत्सव अब तक बताते आए हैं, उसे भला फेब इंडिया या कोई कैसे जश्न-ए-रिवाज का नाम दे सकता है। खैर, अभिव्यक्ति की आजादी की नौका पर सवार होकर बेशक फेब इंडिया ने उसका ऐसा नामकरण कर दिया है, लेकिन  सोशल मीडिया समेत अन्य मंचों पर उसे इसकी वजह से काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

इसी कड़ी में अब बीजेपी नेता व युवा मोर्चा के अध्य़क्ष तेजस्वी सूर्या ने फेब इंडिया के संदर्भ में ट्वीट कर कहा कि दीवाली का त्योहार कोई जश्न-ए-रिवाज नहीं है। हिंदू त्योहारों का जानबूझकर अब्राहमीकरण किया जा रहा है। मॉडल भी पारंपरिक और हिंदू पोशाकों में नहीं है। इसका विरोध और बहिष्कार किया जाना चाहिए और अगर ऐसा करने के लिए हमें आर्थिक क्षति का सामना  करना पड़े तो किसी को भी कोई गुरेज नहीं होना चाहिए। आपको याद दिला दें कि तेजस्वी सूर्या का यह ट्वीट विगत 9 अक्टूबर को फेब  इंडिया के इस ट्वीट की प्रतिक्रिया के रूप में सामने आया है, जिसमें फेब इंडिया के द्वारा कुछ कुर्ते और पैजामे की तस्वीरें जारी की गई थी और साथ में कहा गया था कि हम प्यार और रोशनी के त्योहार का स्वागत कर रहे हैं। फेब इंडिया की तरफ पेश जश्न ए रिवाज का कलेक्शन।

आखिर क्या है अब्राहमी धर्म

अगर आपने बीजेपी नेता तजेस्वी सूर्या के ट्वीट पर गौर फरमाया हो, तो इसमें आपको एक अब्राहमी शब्दी दिखा होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इस अब्राहमी का क्या मतलब है। दरअसल, अब्राहम एक भविष्यवक्ता थे, जिनके जरिए ही यहूदी, मुस्लिम और ईसाई धर्मों की उत्पति हुई है। तेजस्वी सूर्या इसी अब्राहमीकरण का विरोध कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि हिंदू सांस्कृति को किसी दूसरे धर्म के रीति रिवाजों की सूरत प्रदान न की जाए। इसे इसकी मूल सूरत में ही रहने दिया जाए।

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